Sagar: आंखों की रोशनी छीनने के बाद इलाज से ज्यादा बचाव में जुटे डॉक्टर, रेफर कराने बना रहे दबाव
सागर, 31 जुलाई। सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के चलते 7 साल की मासूम रिया लोधी की आंखों की रोशनी जाने के बाद मामला गर्माया हुआ है। बावजूद इसके बच्ची के इलाज पर ध्यान देने, उसके साथ मानवीय संवेदनाएं दिखाने के विभाग के डॉक्टर परिजन पर दबाव बनाने और सागर से रेफर करने के प्रयास में जुटा है। बच्ची की मां का आरोप है कि डॉक्टर आकर उन्हें खरीखोटी सुना रहे हैं, वहीं भोपाल ले जाने बार-बार दबाव डाल रहे हैं।
मप्र के सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हड्डी रोग विभाग में 7 साल की मासूम बच्ची के घुटने के ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया विभाग व अन्य डॉक्टरों की लापरवाही से आंखों की रोशनी जाने के बाद प्रबंधन आरोपों से घिरा हुआ है। हालात यह है कि डीन से लेकर जिम्मेदार अधिकारी मीडिया के सामने आने तक से बच रहे हैं। इधर परिजन पर मीडिया में जाने को लेकर खरीखोटी भी सुना रहे हैं। मासूम रिया लोधी के इलाज पर ध्यान देने के बजाय उसे सागर से भोपाल रेफर के नाम पर टरकाने के प्रयास में पूरा मेडिकल कॉलेज जुटा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि सात वर्षीय रिया पुत्री माखन लोधी के पैर की हड्डी टूटने पर हुए उसके ऑपरेशन के बाद डली रॉड निकालने के दौरान दूसरे ऑपरेशन में हुई कथित लापरवाही के चलते मासूम की आंख की रोशनी चली गई। मामले में वन इंडिया ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद आज बीएमसी प्रबंधन हरकत में तो आया लेकिन प्रकरण में अपनी लापरवाही छिपाने की पर्याप्त कोशिशें की गई।
बच्ची
के
मस्तिष्क
में
सूजन
है
बीएमसी
के
डीन
डॉ.
आरएस
वर्मा
के
अनुसार
बच्ची
के
मस्तिष्क
में
सूचना
आई
है।
हजारों
केसों
में
एकाध
में
कॉम्प्लीकेशन
सामने
आते
हैं।
बच्ची
की
आंखों
की
रोशनी
धीरे-धीरे
रिकवर
हो
जाएगी।
इसमें
एकदम
से
डॉक्टरों
की
लापरवाही
नहीं
कहा
जा
सकता।
यदि
परिजन
बाहर
जाना
चाहती
हैं
तो
हम
एंबूलेंस
की
व्यवस्था
करा
देंगे।