इंडियन आर्मी भी सीख रही मल्टीलेयर फॉर्मिंग, आकाश चौरसिया ने बताई बारीकियां
इंडियन आर्मी देश की सीमा की सुरक्षा ही नहीं करती, बल्कि सेना की खाली जमीन पर खेती भी करने जा रही है। सागर में मल्टीलेयर के एक्सपर्ट आकाश चौरसिया के कपूरिया स्थित मॉडल फॉर्म हाउस पर सेना खेती के तरीके सीखने पहुंची थी।
इंडियन आर्मी और खेती का क्या रिश्ता हो सकता है, पड़ गए न सोच में! सागर में सेना जैविक खेती, मल्टीलेयर फॉर्मिंग और गो-आधारित खेती के तरीके सीख रही है। खेती के एक्सपर्ट आकाश चौरसिया ने सेना के जवानों को खेती की विभिन्न तरीकों व बारीकियों की जानकारी दी।
Indian Army मप्र के सागर में कपूरिया स्थित आकाश चौरसिया के मॉडल फॉर्म हाउस पर बीते दिनों इंडियन आर्मी के जवानों के लिए एक दिवसीय जैविक कृषि कार्यशाला का आयोजन किया गया था। आकाश ने जैविक कृषि, मल्टीलेयर कृषि एवं संपूर्ण कृषि विकास के मॉडल पर विस्तार से चर्चा की गई। आकाश ने सेना के जवानों के साथ कृषि को लाभकारी व मिट्टी के अच्छे स्वस्थ के विषय में जानकारी साझा की, जवानों ने जैविक खाद निर्माण विधियों का खेत में अवलोकन किया। मल्टीलेयर कृषि पद्धति में अलग-अलग फसलों को कैसे लगाया जाता है, इसका प्रशिक्षण लिया। साथ ही मिट्टी के प्रकार व उसमें लगने वाली फसलों के बारे में जानकारी प्राप्त की एवं अत्याधुनिक तकनीक से सब्जियों को डीहाईड्रेड कर मूल्य संवर्धन के भी तरीके जाने।
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वर्मी कम्पोस्ट बनाने के तरीके भी सीखे
सेना के जवानों ने जैविक खेती व आत्म निर्भर खेती के मुख्यघटक के रुप में वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि को भी सीखा। आकाश ने उन्हें वर्मी कम्पोस्ट यूनिट का दौरा कराकर जवानों को कैंचुआ खाद बनाने की विधि, इसमें लगने वाला समय, गोबर में कौन सी प्रजाति के केंचुआ कैसे प्रोसेस करके खाद बनाते हैं। खाद कितने दिन में तैयार हो जाती है, प्रति एकड़ कितनी खाद खेत में डाली जाती है, जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।