Bundelkhand निवाड़ी के थौना में हाथीपांव ने पैर पसारे, यूपी के सीमावर्ती गांवों से आया संक्रमण
Filariasis (elephant foot) मच्छरों से फैलने वाला फाइलेरिया (हाथीपांव) का संक्रमण एक बार फिर बुंदेलखंड में पांव पसारने लगा है। यूपी से सटे निवाड़ी जिल के सीमावर्ती गांव थौना में 11 लोगों को माइक्रो फाइलेरिया का संक्रमण पॉजिटिव निकला है। आसपास के गांवों में स्वास्थ्य विभाग रातों-रात सैंपलिंग में जुटा हुआ है।
Uttar Pradesh के सीमावर्ती गांवों से फाइलेरिया (हाथीपांव) का संक्रमण बुंदेलखंड के निवाड़ी और टीकमगढ़ जिले में पैर पसार रहा है। बीते दिनों यहां माइक्रो फाइलेरिया के 11 पॉजिटिव सामने थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। टीकमगढ़ के सीमावर्ती थौना गांव में यह मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें यहां सूरज ढलने के बाद यहां ग्रामीणों की सैंपलिंग की जा रही है। बताया जा रहा है कि इलाके में फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के और भी मरीज सामने आ सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार निवाड़ी और टीकमगढ़ जिले के ऐसे गांव जो थौना गांव सहित उत्तरप्रदेश की सीमा से सटे हैं, वहां बीते कई दिनों से लगातार लोगों की सैंपलिंग कराई जा रही है। इनके ब्लड सैंपल लेकर लैब टेस्ट कराए जा रहे हैं। दरअसल इन इलाकों में यूपी से आए फाइलेरिया के संक्रमण का खतरा बन गया है। थौना गांव टेंजर जोन बन गया है, जहां 11 लोगों को फाइलेरिया का संक्रमण निकला है। चूकी यह इलाका पहले से हाईरिस्क श्रेणी में शामिल है, कारण यहां इस बीमारी के 7 मरीज पहले से मौजूद हैं। विभाग ने दोनों जिलों से अब तक 32 सौ से अधिक लोगों के सैंपल लिए हैं।
खरगापुर
और
बड़ागांव
धसान
में
82
मरीज
मौजूद
है
स्वास्थ्य
विभाग
के
आंकड़ों
पर
नजर
डाले
तो
खरगापुर
व
बड़ागांवधसान
इलाके
में
फाइलेरिया
के
82
मरीज
पहले
से
मौजूद
हैं।
यहां
एक-एक
नए
मरीज
की
पुष्टि
भी
की
गई
है।
कुल
82
मरीजों
में
टीकमगढ़
जिले
56
व
निवाड़ी
जिले
में
26
मरीज
शामिल
हैं।
विभाग
इन
इलाकों
को
फाइलेरिया
हाईरिस्क
मानकर
काम
कर
रहा
है।
इलाकों
में
शाम
के
बाद
सैंपल
लिए
जा
रहे
हैं।
बताया
गया
है
फाइलेरिया
का
संक्रमण
फैलाने
वाला
क्यूलेक्स
मच्छर
यहां
भारी
तादाद
में
मौजूद
है।
बुंदेलखंड
के
4
व
प्रदेश
के
7
जिले
में
फाइलेरिया
मरीज
ज्यादा
संभागीय
स्वास्थ्य
विभाग
सागर
के
अधिकारियों
द्वारा
साझा
की
गई
जानकारी
अनुसार
मप्र
में
7
जिले
फाइलेरिया
के
मामले
में
संवेदशील
हैं।
इनमें
बुंदेलखंड
के
4
जिले
शामिल
हैं।
इन
जिलों
में
छतरपुर,
टीकमगढ़,
पन्ना,
निवाड़ी
बुंदेलखंड
से
आते
हैं,
वहीं
पड़ोसी
जिलों
में
दतिया,
उमरिया
और
कटनी
जिलों
में
फाइलेरिया
के
मरीज
अधिक
हैं।
इन
जिलों
में
फाइलेरिया
कंट्रोल
प्रोग्राम
भी
चलाया
जाता
है।