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बाइक वाला 'वैज्ञानिक' : अनपढ़ युवक के देसी जुगाड़ ने पूरे गांव की जीने की राह कर दी आसान, देखें PHOTOS

By कीर्ति राजेश चौरासिया
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छतरपुर। कहावत हैं आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मध्य प्रदेश बुंदेलखंड के छतरपुर में जहां एक अनपढ़ युवक ने ऐसी तकनीक ईजाद की है कि जिसे देखकर सब हैरान हैं। इसकी तकनीक के चर्चे पूरे ईलाके सहित आस-पास के जिलों में हो रहे हैं और लोग इस तकनीक को हासिल करने के लिये उसके पास आ रहे हैं।

मोटसाइकिल को मल्टीपरपच बना रखा है।

मोटसाइकिल को मल्टीपरपच बना रखा है।

मामला छतरपुर जिले के बड़ामलहरा का है। यहां के निवासी बाली मोहम्मद ने अपनी पुरानी हीरो होण्डा मोटसाइकिल को मल्टीपरपच बना रखा है। जिसे कि वह सफर में चलाता भी है। इस पर सामान भी ढोता है और इसे पानी के पम्प के रूप में उपयोग भी करता है। और यह सब वह पिछले कई सालों से कर रहा है।

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गरीब की वजह से हुआ यह देसी आविष्कार

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बली मोहम्मद की मानें तो उसके खेत और कुएं पर लाइट न होने के कारण वह पुराने डीजल पम्प से सिंचाई बगैरह करता था। कुछ साल पहले डीजल पम्प खराब होने के कारण वह काफी परेशान हो गया गरीबी के चलते नया पम्प खरीद नहीं सकता था और सिंचाई भी जरूरी थी। उसके पास महज एक मोटर साईकिल थी जिससे वह खेत पर आने जाने के साथ दैनिक अन्य काम करता था।

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यूं काम आई तकनीक

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फिर उन्होंने मोटर साईकिल के इंजन के बगल में लगे मैग्नेट बॉक्स को खोलकर उसके अंदर दो बोल्ट कस कर उसमें थ्रेसर की बेल्टों को काटकर एक सिरा कसा तो वहीं दूसरी ओर पम्प के फैन की पुल्ली (रॉड) में कसा और सेक्सन लगा कर बाईक स्टार्ट कर दी जिससे बाईक के साथ पम्प का फैन भी घूम गया और चल पड़ा जिससे कुएं से पानी निकाल कर फेंकने लगा उसकी यह तकनीक कारगर सिद्ध हो चुकी थी जिसे देख कर वह फूले नहीं समाये।

 30 रुपये के पेट्रोल में एक घंटा पानी

30 रुपये के पेट्रोल में एक घंटा पानी

परेशानी और मजबूरी ने किसान भाइयों को अविष्कारिक बना दिया।उन्की यह तकनीक बेहतर काम कर रही है वह अब इस मोटर साईकिल से अपने दैनिक काम के अलावा खेती-पाती के सारे काम करते हैं। बली बताता है कि उसकी बाईक 30 रुपये के पेट्रोल में एक घंटा पानी देती है जो कि डीजल पम्प से काफी सस्ता पड़ता है।

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बाईक अब लोगों ने इसे देशी जुगाड़ नाम दिया

बाईक अब लोगों ने इसे देशी जुगाड़ नाम दिया

उसकी बाईक अब लोगों ने इसे देशी जुगाड़ नाम दिया है जिस की अब दूर-दूर तक चर्चे हैं। इस देशी जुगाड़ को देखने अब लोग दूर-दूर से आते है और इस तकनीक को जानकारी लेते हैं। मामला चाहे जो हो पर इतना तो तय है की मजबूरी इंसान को मजबूत बना देती है और ऐसा ही यहां इन किसान भाइयों के साथ हुआ है जहां मजबूरी और ज़रूरत ने किसान को अविष्कारक बना दिया।

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English summary
desi Jugad with Bike in baramalhara village of Chhatarpur MP
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