वीडियो : घर में 50 साल बाद जन्मी बेटी को गाजे-बाजे से करवाया गृहप्रवेश, पूरे रास्ते को फूलों से सजाया
भिंड, 21 सितम्बर। मध्य प्रदेश के भिंड जिले से हर किसी के दिल को छू लेने वाली खबर सामने आई है। यहां एक परिवार में 50 साल बाद बेटी का जन्म होने पर धूमधाम से उसका गृहप्रवेश करवाया गया है। घर के रास्ते को फूलों से सजाया गया और गाजे-बाजे पर पूरा परिवार जमकर नाचा भी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है।
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किरतपुरा एसोसिएशन मैनेजमेंट ऑफ पावर्टी
बता दें कि भिंड जिले के एक दर्जन युवाओं ने यहां के लोगों की बेटियों के प्रति सोच बदलने का तीन साल पहले बीड़ा उठाया और कैंप (किरतपुरा एसोसिएशन मैनेजमेंट ऑफ पावर्टी) नाम से संस्था का निर्माण कर बेटियां पैदा होने वाले घरों के लोगों से संपर्क कर ढोल नगाड़ों के साथ और फूलों से घर को सजाकर बेटियों का गृहप्रवेश करवाने का प्रवेश कराने का कार्यक्रम शुरू किया था।
भिंड ज़िले के लिंगानुपात में भारी अंतर
दरअसल, बीते कुछ साल पहले तक भिंड ज़िले के लिंगानुपात में भारी अंतर था। यही अंतर लोगों की सोच में भी दिखायी देता था। शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की हायर एजुकेशन में काफी कमी थी। जिले के ज्यादातर लोग प्राइमरी या मिडिल तक पढ़ाने के बाद या तो बेटियों की शादी कर देते थे या फिर से घर पर बैठा लेते थे।
रास्ते में फूल माला, तुलादान, पैरों की छाप
भिंड जिले के मेहगांव निवासी सुशील शर्मा की पत्नी रागिनी शर्मा ने 16 सितम्बर को बेटी को जन्म दिया। रविवार को ग्वालियर के एक निजी अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद लाडली लक्ष्मी घर पहुंची तो कैंप संस्था द्वारा मेहगांव स्थित उनके निवास पर रास्ते में फूल माला, तुलादान, पैरों की छाप आदि कार्यक्रमों को गाजे-बाजे के साथ गृह प्रवेश करवाया।
परिवार में पोती के रूप में बेटी का जन्म
चौधरी प्रदीप शर्मा के मुताबिक़ उनके परिवार में पोती के रूप में बेटी का जन्म 50 साल बाद हुआ है। भव्य स्वागत के लिए उन्होंने कैंप के सदस्यों से संपर्क कर उनको अपने यहां आमंत्रित किया था। कैंप संस्था के सदस्य भिंड से मेहगांव पहुंचे। क़रीब 3 घंटे की तैयारी और लाडली लक्ष्मी को गाजे-बाजे के साथ गृह प्रवेश कराया। इस जश्न को जिसने देखा उसने तारीफ़ की।
बेटे बेटियों के फ़र्क़ ने उन्हें प्रेरणा दी
संस्था के प्रमुख तिलक सिंह भदोरिया ने बताया कि समाज में हो रहे बेटे बेटियों के फ़र्क़ ने उन्हें प्रेरणा दी कि वे बेटियों के उत्थान और उनके प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। इसलिए यह आयोजन शुरू किया। धीरे धीरे कई लोग जुड़कर इस संस्था के सदस्य बन गए।