Damoh: विरागोदय तीर्थ में जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं से रिस रहा पानी, लोग मान रहे चमत्कार!
जैन तीर्थ क्षेत्र विरागोदय में देवताओं की प्रतिमाओं से बीते 15 दिन से पानी रिस रहा है। जब मंदिर के सेवकों और श्रद्धालुओं ने यह बात संतों को बताई तो उन्होंने इसे चमत्कार बताया। हालांकि पुरातत्ववेत्ता इसे वाष्पीकरण बता रहे
दुनिया में अलग-अलग तीर्थ क्षेत्रों में कई दफा कुछ ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिसे लोग चमत्कार मानते हैं। अतिशय की संज्ञा देते हैं...। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के दमोह जिले से सामने आया है। यहां पथरिया तहसील में स्थित नव निर्मित जैन तीर्थ विरागोदय में 50 फीट की ऊंचाई पर स्थित जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं से जल का रिसाव हो रहा है। यह बता इलाके में फैली तो लोग इसे चमत्कार मानकर दर्शनों के पहुंच रहे हैं। हालांकि पुरात्ववेत्ताओं की राय में यह वाष्पीकरण की प्रक्रिया है, जबकि मंदिर कमेटी और संतों का तर्क है कि गर्भगृह व आसपास पानी का कोई स्रोत नहीं है, तो वाष्पीकरण कहां से होने लगा?
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पथरिया से निकले जैन संत विराग सागर महाराज के नाम पर यहां जैन धर्म का र्तीर्थक्षेत्र विरागोदय स्थापित किया गया है। विरागोदय में बीते 25 जनवरी को मंदिर की स्थापना और जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए कि मंदिर से चमत्कार की घटना लोग बता रहे है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष विपिन चौधरी ने स्थानीय मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर में कुछ दिनों से तीर्थंकरों की कुछ प्रतिमाओं से जल रिस रहा है। यह सभी प्रतिमाओं के बजाय कुछ प्रतिमाओं में ही देखने में आया है। उन्होंने इसी जानकारी मंदिर कमेटी के अन्य सदस्यों व संतों को भी दी है। संतों ने भी इसे अतिशय बताया है।
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आचार्य
विराग
सागर
महाराज
ने
चमत्कारिक
घटना
बताई
विरागोदय
तीर्थ
क्षेत्र
में
विराजमान
जैन
आचार्य
विराग
सागर
महाराज
ने
मंदिर
में
चमत्कार
से
जुड़ी
घटना
बताते
हुए
मीडिया
को
बताया
कि
मंदिर
का
माली
पंचकल्याणक
के
बाद
मंदिर
में
प्रतिमा
को
छू
रहा
था,
वह
पहले
से
यहां
साफ-सफाई
करता
रहा
है।
जैसे
ही
उसने
प्रतिमा
को
छुआ
तो
प्रतिमा
के
पीछे
दो
लड़के
नजर
आए
और
उन्होंने
कहा
कि
अब
इनकी
प्राण
प्रतिष्ठा
हो
गई
है,
इनको
छू
नहीं
सकते।
माली
ने
कहा
कि
मैं
तो
भगवान
का
भक्त
हूं,
छू
सकता
हूं,
इसके
बाद
उसने
देखा
तो
दोनों
लड़के
अचानक
गायब
हो
गए।
आचार्यश्री
के
अनुसार
उसने
यह
घटना
अपनी
मां
को
बताई
थी,
जिसके
बाद
उन्होंने
भी
वही
कहा
जो
दोनों
लड़कों
ने
बताया
था।