MP: ग्वालियर, भिंड और मुरैना में कर्फ्यू जारी, सोशल मीडिया पर चला मैसेज 10 को फिर बंद
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भोपाल। भारत बंद के दौरान 2 अप्रैल को हुए उपद्रव मध्य प्रदेश के कई शहरों में लगाया गई पाबंदियां फिलहाल जारी है। द्वालियर, भिंड और मुरैना में कर्फ्यू फिलहाल लगा रहेगा। प्रशासन ने कर्फ्य़ू में सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक दो घंटों की ढील दी है। इस दौरान लोग अपने जरूरत की चीजों को लेने बाजार निकल सकें। ग्वालियर में इंटरनेट सेवाओं के बहाल कर दिया गया है, लेकिन भिंड और मुरैना में अभी भी इंटरनेट को बंद रखा गया है। आपको बता दें कि मंगलवार को पुलिस ने मुरैना में 50 लोगों को पत्थरबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती
मध्य प्रदेश के भिंड में भारत बंद के दौरान सबसे अधिक हिंसक आंदोलन देखने को मिला था। इस देखते हुए सरकार ने फिलहाल इस जिले के मेहगांव, गोहद और मछंड में सभी आर्म्स लाइसेंस को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। ग्वालियर-चंबल संभाग में तनाव बना हुआ है। यही कारण है कि ग्वालियर के तीन, भिंड के पांच थाना क्षेत्रों और मुरैना में कर्फ्यू जारी है। इन इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। अर्धसैनिक बलों को भी बुलाया गया है।
भिंड में 3 हजार लोगों पर केस दर्ज
भिंड जिले के मछंड में प्रदर्शन के दौरान गोली चलाने के दौरान हुई महावीर राजावत की मौत के मामले में दो पुलिसकर्मियों सुल्तान राठौर आैर रामकुमार दोहरे के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। ये दोनों रौन थाने में पदस्थ हैं। भिंड में 3 हजार ( इनमें 70 नामजद), मुरैना में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेश कथूरिया सहित 2 हजार ( इनमें 12 नामजद) ग्वालियर में 600 ( इनमें 27 नामजद) और डबरा में 1 हजार ( इनमें 80 नामजद) उपद्रवियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहा है फिर से बंद का मैसेज
इस बीच फेसबुक व व्हाट्सऐप पर 10 अप्रैल को बंद के विरोध में भारत बंद का मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमें सवर्ण व ओबीसी वर्ग के शामिल होने की बात कही जा रही है। मैसेज की जानकारी इंटेलीजेंस के जरिए सरकार को भी मिल चुकी है, इसके चलते सेना को अलर्ट पर रहने का फरमान जारी किया गया है। खास बात ये है कि इन संदेशों को लोगों द्वारा तेजी से फैलाया भी जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इंटेलीजेंस के जरिए ये जानकारी सरकार तक भी पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती है, ऐसे में सरकार किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती है।