नाबालिग ने की थी ज्यादती, साथी ने बनाया था वीडियो, कोर्ट ने 10 साल के लिए जेल भेजा
Chhatarpur कोर्ट ने एक दुष्कर्म के मामले में नाबालिग आरोपी के सहयोगी को वीडियो बनाने और उसे वायरल करने के आरोप में 10 साल की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है। कोर्ट ने आरोपी के गुनाह के बराबर ही वीडियो बनाने और उसे वायरल करने वाले को भी दोषी मानते हुए सजा व जुर्माना लगाया है।
Madhya Pradesh के छतरपुर कोर्ट में प्रस्तुत अभियोजन के अनुसार सिविल लाइन थाना क्षेत्र की महिला के साथ एक नाबालिग ने दुष्कर्म किया। जिसका वीडियो साथ में मौजूद उसके साथी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। कोर्ट ने वीडियो वायरल करने वाले आरोपी को दोषी पाते हुए 10 साल की कैद के साथ 4 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
नाबालिग साथी के साथ उसके घर में जबरन घुस गया था
छतरपुर कोर्ट के अधिवक्ता लखन राजपूत ने बताया कि एक महिला ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। मामला करीब ढाई साल पहले 30 मई 2020 की रात का है। महिला मैदान से लौटकर वापस घर आई थी। उसी दौरान आरोपी ऋषिकेश मिश्रा उर्फ रवि अपने एक नाबालिग साथी के साथ उसके घर में जबरन घुस गया था। नाबालिग ने महिला से दुष्कर्म किया और आरोपी रवि ने उसका मोबाइल से वीडियो बनाकर उसे धमकी दी थी कि यदि किसी को बताया तो वीडियो वायरल कर देगा। महिला बदनामी होने की आशंका में डर गई और घटना को लेकर मौन साध लिया, अपने पति को भी नहीं बताया।
Earthquake in Delhi: चंद्रग्रहण का भूकंप कनेक्शन, 24 घंटे में 6 बार जलजला, 2018 में भी आया था भूकंप
बहनोई
के
मोबाइल
पर
भेज
दिया
वीडियो,
जब
जानकारी
लगी
आरोपी
रवि
उर्फ
ऋषिकेश
ने
नाबालिग
द्वारा
महिला
से
दुष्कर्म
का
जो
वीडियो
बनाया
था,
वह
उसके
बहनोई
के
मोबाइल
पर
किसी
ने
भेज
दिया।
बहनोई
ने
देखा
तो
इसकी
जानकारी
महिला
के
पति
को
दी
थी।
पति
के
पूछने
पर
महिला
ने
रोते
हुए
अपने
साथ
हुए
दुष्कर्म
व
धमकी
की
बात
पति
को
बताई
थी।
इसके
बाद
पति
ने
उसे
ले
जाकर
थाने
में
आरोपी
और
उसके
साथी
के
खिलाफ
एफआईआर
कराई
थी।
छतरपुर
में
सरकारी
अधिवक्ता
प्रवीण
द्विवेदी
ने
पैरवी
करते
हुए
कोर्ट
के
सामने
सारे
तथ्य
और
सबूत
प्रस्तुत
किए
थे।
तृतीय
अपर
सत्र
न्यायाधीश
राजेश
कुमार
देवलिया
की
कोर्ट
ने
दुष्कर्म
की
घटना
में
सहयोग
करने
और
उसका
वीडियो
बनाकर
वायरल
करने
के
आरोप
में
रवि
मिश्रा
को
दोषी
ठहराते
हुए
10
साल
की
कठोर
कैद
के
साथ
4
हजार
रुपए
के
जुर्माना
की
सजा
सुनाई।