अमरनाथ यात्रा अपडेट: बाबा बर्फानी के दिव्य दर्शन, पहले जत्थे की श्रीनगर वापसी
सागर, 12 जुलाई। पवित्र अमरनाथ यात्रा सोमवार से फिर प्रारंभ हो गई है, सुबह से रात 8 बजे तक देश-दुनिया के तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर वापस भी लौटने लगे हैं। बता दें कि बीते सोमवार को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से पानी और पहाडी मिट्टी का सैलाब सा आ गया था, इसमें कुछ कैंप बह गए थे, करीब 16 यात्रियों की मौत हो गई थी, और कई लापता हो गए थे। सुरक्षाबलों ने दो दिन में राहत-बचाव कार्य कर सोमवार से यात्रा प्रारंभ कर दी है। शेषनाग और अनंतनाग से सीमित संख्या में यात्रियों को आगे जाने दिया जा रहा है।
पवित्र अमरनाथ गुफा के आसपास सब सामान्य
अमरनाथ में बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के पास स्थिति एकदम सामान्य है। यात्रियों में दर्शनों का उत्साह भरा है। न कोई डर, न भय, न चिंता। जय बाबा अमरनाथ के जयकारों के साथ देश-दुनिया के श्रद्धालु बाबा के दिव्य दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
जिन्हें चलने में दिक्कत वे पिट्ठू, घोडे पर जा रहे
जिन लोगों को चलने में दिक्कत हो रही है, उनके लिए यात्रा प्रारंभ से लेकर अमरनाथ गुफा तक पिट्ठू अर्थात पीठ पर बैठाकर, कुर्सी की हाथ बग्गी और घोडे पर बैठकर यात्रा करने की सुविधा भी मिली है। जम्मू-श्रीनगर के स्थानीय लोग तय शुल्क लेकर सुविधा उपलब्ध कराए हैं।
शेषनाग से अमरनाथ तक कैंप और यात्री
अमरनाथ यात्रा पर सागर से गए जत्थे में शामिल संजय तिवारी के अनुसार शेषनाग से लेकर अमरनाथ गुफा तक अब यात्रियों के जत्थे और कैंप लगे हैं। मौसम एकदम साफ है, कहीं काई दिक्कत या परेशानी नहीं है। पंचतरणी में बेस कैंप में काफी तीर्थ यात्री मौजूद हैं।
ऊंचाई पर ऑक्सीजन की हल्की दिक्कत
सागर के अमरनाथ यात्री मुकेश पटेल ने बताया कि अनंतनाग से अमरनाथ गुफा की तरफ चढाई के दौरान काफी ऊंचाई होती है, यहां ऑक्सीजन की कुछ दिक्कत होती है, जिससे थकावट महसूस होती है, लेकिन ज्यादा परेशानी नहीं है।
पहाड़ों पर बादलों का डेरा, जमीन पर बिखरी सुंदरता
यात्रा के दौरान भक्त जैसे-जैसे आगे बढते जाते हैं, प्राकृतिक सौंदर्य और मनोहारी प्राकृतिक नजारे सम्मोहित करते नजर आते हैं। पहाड़ों पर घुमडते बादल, बर्फ की चादर और नीचे झील के मनोहारी नजारे बरबस ही बांध रहे हैं।