सपा संग्राम में दो फाड़ के बाद जानिए कौन नेता किसके साथ
समाजवादी पार्टी के भीतर मचे घमासान के बीच कौन नेता किस पाले में, बड़े नेताओं पर सियासी संकट, किधर का करें रुख
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भीतर मचे घमासान में अब दो फाड़ साफ नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां अखिलेश यादव के समर्थन करने वाले नेता हैं तो दूसरी तरफ शिवपाल सिंह के साथ खड़े नेता हैं।
आखिर अमर सिंह से इतनी नफरत क्यों करते हैं अखिलेश?
जिस तरह से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने खुलकर एक दूसरे के खिलाफ हमला बोला है उसमें पार्टी के नेताओं के भीतर में एक संकट खड़ा हो गया है कि वह किस नेता के समर्थन में उतरे।
खुलकर सामने आया अखिलेश-शिवपाल का झगड़ा
जिस तरह से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने खुलकर एक दूसरे के खिलाफ हमला बोला है उसमें पार्टी के नेताओं के भीतर में एक संकट खड़ा हो गया है कि वह किस नेता के समर्थन में उतरे।
अखिलेश समर्थक नेता
अखिलेश के समर्थन में जो सबसे बड़ा चेहरा हैं वह राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव, उन्होंने पार्टी से निष्कासित होने के बाद भी अखिलेश के समर्थन का ऐलान किया है। उनके साथ ही अक्षय यादव ने भी अखिलेश को अपना सीएम बताया हैा।
शिवपाल के विरोधी अखिलेश के साथ
पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान ने भी अखिलेश का समर्थन किया है और उन्होंने कहा था कि बतौर सीएम उनका अधिकार है और हम उसे स्वीकार करते हैं। वहीं पार्टी के पूर्व प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी भी अखिलेश के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, जिन्हें चाचा भतीजे के बीच विवाद के बाद उनके पद से हटा दिया गया था।
भावुक अखिलेश को चचेरे भाइयों का साथ
बदायूं से लोकसभा सांसद धर्मेंद्र यादव भी अखिलेश यादव के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। ऐसे में अखिलेश यादव के पास पार्टी के कई दिग्गज नेता खड़े हैं। अखिलेश के समर्थन में पार्टी के युवा नेताओं ने पहली ही अपना समर्थन देने का ऐलान किया था।
शिवपाल समर्थक
शिवपाल यादव के समर्थन में खुद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव खुलकर सामने आएं है। उन्होंने आज साफ किया है कि शिवपाल ने जो उनके लिए किया है उसे वह भूल नहीं सकते हैं, वह पार्टी चलाएंगे।
अमर सिंह भी शिवपाल के साथ
मुलायम सिंह के साथ ही अमर सिंह जिन्हे की इस विवाद का सूत्रधार माना जा रहा है वह भी शिवपाल के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। मुलायम सिंह ने भी यह साफ कहा है कि अगर अमर सिंह नहीं होते तो मैं जेल में होता।
कैबिनेट से निकाले गए नेता भी साथ
अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश कैबिनेट से निकाले गए तीनों मंत्री नारद राय, ओमप्रकाश सिंह और शादाब फातिमा भी शिवपाल के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं।
बड़े नेताओं के सामने चुनौती
बहरहाल देखने वाली बात यह है कि अगर पार्टी का विघटन होता है तो बाकी के नेता किस ओर करवट लेते हैं। उनके सामने यह बड़ी चुनौती होगी कि इस विवाद के बीच किस ओर वह खड़े हों।