UP: बाइक-स्कूटी पर पीछे किसी को बैठाया तो कटेगा चालान, सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर भी जुर्माना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाइक या स्कूटी पर अगर पीछे की सीट पर कोई बैठा पाया जाएगा तो उससे पहली बार 250 से लेकर 1000 रुपए तक का जुर्माना किया जाए। अगर यही घटना बार-बार दोहराई जाएगी तो उसके बाद दोपहिया वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित या निरस्त किया जा सकता है। बता दें, मास्क पहनने, लॉकडाउन का उल्लंघन करने और दोपहिया वाहन में एक सवारी की अनुमति से संबंधित अधिसूचना महामारी नियंत्रण एक्ट के तहत जारी कर दी गई है। इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश अवस्थी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दी।
लाइसेंस भी हो सकता है निरस्त
प्रमुख सचिव ने बताया कि महामारी नियंत्रण एक्ट के तहत जारी अधिसूचना में दोपहिया वाहन चालाक ही अकेले वाहन चला सकेगा। बाइक या स्कूटी के पीछे बैठने की अनुमति किसी में नहीं होगी। दोपहिया वाहन में पहले बार पीछे बैठी सवारी पर 250 रुपए, दूसरी बार 500 रुपए, तीसरी बार में 1000 रुपए और उसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित या निरस्त किया जा सकता है। दोपहिया वाहन के बारे में अपवाद स्वरुप इस मामले में छूट दी गई है कि अगर महिला वाहन चलाना नहीं जानती है और वह अपने किसी घर के सदस्य के साथ अपने कार्यस्थल जा रही है तो उसे कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अनुमति लेकर दोपहिया वाहन के पीछे बैठना होगा। पीछे बैठी महिला के लिए हेलमेट, मास्क और ग्लव्स पहनना जरूरी है।
सार्वजानिक स्थल पर थूकने पर भी जुर्माना
प्रमुख
सचिव
स्वास्थ्य
ने
बताया
कि
जिस
तरह
चेहरा
न
ढंकने
पर
जुर्माना
है,
उसी
तरह
सार्वजानिक
स्थल
पर
थूकने
पर
भी
जुर्माना
लगाया
गया
है।
पहली
व
दूसरी
बार
पकड़े
जाने
पर
100-100
रुपए,
तीसरी
बार
या
उससे
अधिक
बार
पकड़े
जाने
पर
500-500
रुपए
जुर्माना
वसूला
जाएगा।
इन
सभी
मामलों
में
दंड
वसूलने
का
अधिकार
कार्यपालक
मजिस्ट्रेट
या
थाने
के
इंस्पेक्टर
को
होगा।
31 मई तक बढ़ा लॉक्डाउन
बता दें, नई गाइडलाइन के साथ आज से पूरे देश में 31 मई तक के लिए लॉकडाउन लागू हो गया है, इस बार का लॉकाडाउन पिछले सभी लॉकडाउन से काफी अलग है। इस बार केंद्र सरकार ने राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए हैं और इस बार इलाकों को तीन जोन नहीं बल्कि 5 जोनों में बांटा गया है। अब शहरों को रेड, ऑरेंज, ग्रीन, कंटेनमेंट (रोकथाम) और बफर जोन में बांटा गया है, जिनका निर्धारण जिला प्रशासन करेगा, जबकि कंटेनमेंट जोन में केवल अनिवार्य सेवाएं मिलेंगी। कंटेनमेंट जोन में आने-जाने पर सख्त पाबंदी है और इस जोन में लोगों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग होगी, जबकि बफर जोन में क्या होगा इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
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