मुख्तार को यूपी को सौंपने से पंजाब का इनकार, सिद्धार्थनाथ सिंह ने राहुल गांधी से किया ये सवाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारें आमने-सामने आ गई हैं। पंजाब सरकार ने पिछले दो साल से रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी को एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया है। पंजाब की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मुख्तार अंसारी के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 8 फरवरी को करेगी। मुख्तार को यूपी सरकार को न सौंपने को लेकर राज्य सरकार के प्रवक्ता और सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि दोहरापन कांग्रेस का चरित्र है। वह हर घटना को अपने चश्मे से देखती है। सिंह ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस किसी का भी समर्थन कर सकती है। यहां तक कि देश और समाज के दुश्मनों का भी। दुर्दांत अपराधी मुख्तार अंसारी के मामले में कांग्रेस शासित पंजाब सरकार का रवैया इसका सबूत है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जेल सुपरिंटेंडेंट के एफिडेविट के अनुसार, मुख्तार अंसारी हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, पीठ दर्द और स्किन एलर्जी से पीड़ित हैं। पंजाब सरकार ने कहा कि वह वह डॉक्टरों के परामर्श के अनुरूप काम करने और उत्तर प्रदेश सरकार की अर्जी को खारिज किए जाने की मांग की है। पंजाब सरकार का ये भी कहना है कि मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश से दूर रखे जाने की ऐसी कोई सोची-समझी साजिश नहीं है। एफिडेविट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार अपने मौलिक अधिकारों के हनन का दावा नहीं कर सकती है, और उनकी अर्जी विचारणीय नहीं है।
इस मामले में यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा उदाहरण मिले जिसमें किसी राजनीतिक दल की एक माफिया के प्रति इस कदर सहानुभूति उमड़ी हो कि उसके पैरोकारी में वह सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाए। सिंह ने कहा, 'पूरा समाज जानता है कि मुख्तार क्या है? कितने लोग उसके जुल्म और ज्यादती के शिकार हुए हैं?' सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से सवाल करते हुए कहा कि इस सहानुभूति की वजह क्या है। उन लोगों के बारे में उनका क्या ख्याल है जिनका घर-परिवार मुख्तार के कारण उजड़ गया। पूरा देश और समाज यह जानना चाहता है।