बिहार विधानसभा की घटना पर बोलीं Priyanka Gandhi, भाजपा-जदयू सरकार के डर और कायरपन की ये निशानी
लखनऊ। बिहार विधानसभा में मंगलवार (23 मार्च) को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 बिला लाया गया था, जिसको लेकर जमकर हंगामा हुआ। इतना ही नहीं, इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। तो वहीं, विधायकों को घसीट और खींचते हुए बाहर निकालने जैसे तस्वीरें भी सामने आई है, जिनकी निंदा हर कोई कर रहा है। वहीं, इस घटना की वीडियो ट्वीट करते हुए उत्तर प्रदेश प्रभारी व कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी निंदा की है। प्रियंका गांधी ने कहा, 'ये घटना भाजपा-जद यू सरकार के डर और कायरपन की निशानी है।'

डर और कायरपन की निशानी: प्रियंका गांधी
उत्तर प्रदेश प्रभारी व कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी ने बुधवार (24 मार्च) को बिहार विधानसभा की घटना पर वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है। प्रियंका गांधी ने लिखा, 'बिहार में जिस पार्टी को भाजपा ने चुन-चुन कर कमजोर कर दिया वो भाजपाई इशारों पर जन प्रतिनिधियों के साथ निर्मम व्यवहार कर रही है। महिला विधायकों का अपमान किया गया। स्पष्ट है भाजपा, उनके सहयोगी दल लोकतंत्र का आदर नहीं करते। ये घटना भाजपा-जद यू सरकार के डर और कायरपन की निशानी है।'

भाजपा निरंकुशता में करती है विश्वास: अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार विधानसभा घटना की निंदा करते हुए दो ट्वीट किए है। अखिलेश यादव ने लिखा, 'देशभर में जहां भी भाजपा सरकारें हैं, वहां बहुमत का अपमान करके बिल पास कराए जा रहे हैं। चाहे राज्यसभा हो, उप्र विधान परिषद या अन्य राज्य, बिना चर्चा के बिलों का पास होना संविधान की भावना के खिलाफ है। भाजपा की राजनीति लोकमत की जगह एकमत की निरंकुशता में विश्वास करती है।'

लोकतंत्र पर हुआ कातिलाना हमला: अखिलेश यादव
वहीं, दूसरे ट्वीट में अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बिहार विधानसभा में सशस्त्र बलों द्वारा विधायकों पर हमला आपराधिक कृत्य है। सड़क पर बेरोज़गार युवाओं पर भी जो हमले हुए वो दिखाते हैं कि सत्ता मिलने के बाद भाजपाई सरकारें जनता को क्या समझती हैं। निंदनीय! बिहार में लोकतंत्र पर क़ातिलाना हमला हुआ है।'

विधायकों के साथ की गई मारपीट
बता दें, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक का मंगलवार को विपक्ष ने सदन में जमकर विरोध किया। जबरदस्त हंगामे के बाद सदन स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में 4:30 बजे के बाद सदन की कार्यवाही होनी थी, लेकिन उससे पहले आरजेडी समेत तमाम विपक्ष के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के गेट पर बैठ गए। अध्यक्ष को बंधक बना लिया, जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाना पड़ा। पुलिस ने विधायकों को बारी-बारी से वहां से हटाया। महिला पुलिस बल द्वारा महिला विधायकों को भी हटाया गया। इस दौरान सड़क पर गिरे विधायक सत्येंद्र ने आरोप लगाया कि डीएम के कहने पर उनके साथ मारपीट की गई। छाती पर बूट रख कर मारा गया है। विधायक का कहना है कि उनकी छाती पर चोट लगी है। उन्होंने कहा कि ये ज्यादती नहीं, लोकतंत्र की हत्या है।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा- विधेयक को बिना पढ़े अफवाह फैलाई जा रही
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'मैंने सदन में ऐसी हरकत कभी नहीं देखी। उन्हें (विपक्षी दलों के विधायक) डिबेट में हिस्सा लेना चाहिए था। हम उनके हर एक सवाल का का जवाब देते।' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 लोगों और उनके हितों की रक्षा के लिए है। यह लोगों को कष्ट देने के लिए नहीं बना है। इसको लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। इसका विरोध करने वाले इस विधेयक को गौर से पहले पढ़ लें। उन्होंने कहा कि विधेयक को बिना पढ़े अफवाह फैलाई जा रही है।
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