यूपी चुनाव से पहले अंबेडकर के नाम पर नाटकबाजी कर रही भाजपा सरकार: मायावती
लखनऊ, 29 जून: लखनऊ में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के 'सांस्कृतिक केन्द्र' के शिलान्यास को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यूपी भाजपा सरकार की नाटकबाजी करार दिया है। मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर व उनके करोड़ों शोषित-पीड़ित अनुयाइयों का सत्ता के लगभग पूरे समय उपेक्षा व उत्पीड़न करते रहने के बाद अब विधानसभा चुनाव के नजदीक यूपी भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर 'सांस्कृतिक केन्द्र' का शिलान्यास करना यह सब नाटकबाजी नहीं तो और क्या है?
मायावती ने कहा- चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा
मायावती ने कहा, ''बीएसपी परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा। यूपी सरकार अगर यह काम पहले कर लेती तो मा. राष्ट्रपति जी आज इस केन्द्र का शिलान्यास नहीं बल्कि उद्घाटन कर रहे होते तो यह बेहतर होता। वैसे इस प्रकार के छलावे व नाटकबाजी के मामले में चाहे बीजेपी की सरकार हो या सपा अथवा कांग्रेस आदि की, कोई किसी से कम नहीं, बल्कि दलितों व पिछड़ों आदि का हक मारने व उनपर अन्याय-अत्याचार आदि के मामले में वे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, जो सर्वविदित है तथा यह अति दुःखद।''
राष्ट्रपति कोविंद ने लखनऊ में अंबेडकर स्मारक का किया शिलान्यास, कही ये बातें
मायावती ने ट्वीट में आगे लिखा, ''इसी का परिणाम है कि दलित व पिछड़ों के लिए आरक्षित लाखों सरकारी पद अभी भी खाली पड़े हैं तथा इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर यूपी में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित विश्वस्तरीय भव्य स्थलों व पार्कों आदि की घोर उपेक्षा पिछले सपा शासनकाल से ही लगातार जारी है जो अति-निन्दनीय।'' बता दें, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को लखनऊ में 'डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र' का शिलान्यास किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं।
मायावती को राजनीतिक चश्मा पहनना बंद कर देना चाहिए: केपी मौर्य
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मायावती के इस बयान पर कहा कि उन्हें राजनीतिक चश्मा पहनना बंद कर देना चाहिए। बसपा ने बाबा साहब व अन्य को दिया सम्मान हम इसकी आलोचना नहीं करते, भाजपा भी उनका सम्मान करती है। खासकर बाबासाहेब जिन्होंने उपेक्षित और दलितों के लिए लड़ाई लड़ी।