Manilal Patidar, वो IPS जिसे साल 2021 में नहीं तलाश पाई UP Police, ढूंढने वाले को मिलेंगे ₹ एक लाख
लखनऊ, 23 दिसंबर: उत्तर प्रदेश कैडर का एक आईपीएस अधिकारी सालभर से अंडरग्राउंड है। कहां गया? इसका जवाब यूपी पुलिस के पास नहीं है। इस पर एक लाख का ईनाम है और उत्तर प्रदेश पुलिस का पूरा महकमा तलाश में भी जुटा है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।
वन इंडिया हिंदी की ईयर एंडर सीरीज में हम बात कर रहे हैं IPS मणिलाल पाटीदार की, जिसे साल 2021 में यूपी पुलिस ढूंढ ही नहीं पाई। आइए जानते हैं कि आखिर मणिलाल पाटीदार ने ऐसा क्या कांड किया कि इसे भागना पड़ा और अब यूपी पुलिस के हाथ इस तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं?
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में आईजी के सत्यनारायण ने बताया कि मामला कोर्ट पहुंच चुका है। चार्जशीट लग चुकी है। फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार की तलाश जारी है। वहीं, प्रकरण के जांच अधिकारी और प्रयागराज के एसपी (क्राइम) सतीश चंद्र इस बात की तो पुष्टि करते हैं कि आईपीएस मणिलाल पाटीदार अभी तक फरार है। साथ ही इसे पुलिस विभाग का आंतरिक मामला बताते हुए 'फरारी' के आगे की जानकारी देने से साफ इनकार कर देते हैं।
कौन है IPS मणिलाल पाटीदार ?
राजस्थान के डूंगरपुर के रहने वाले मणिलाल पाटीदार उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस हैं। मणिलाल पाटीदार का जन्म डूंगरपुर के रामजी पाटीदार के घर 25 नवंबर 1989 को हुआ था। साल 2013 में मणिलाल पाटीदार ने महज 24 साल की उम्र 188वीं रैंक हासिल करते हुए यूपीएससी परीक्षा पास की थी। इलेक्ट्रॉनिक टेलीकम्यूनिकेशन से बीटेक के बाद ही मणिलाल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों में जुट गए थे। इन्हें लखनऊ में रहने के बाद महोबा में एसपी बनाया गया था। महोबा में एसपी की कुर्सी संभालने के साथ ही मणिलाल पाटीदार रातों-रात अमीर बनने के ख्वाब देखने लगा था। यहीं से उनके बुरे दिन शुरु हो गए।
कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की संदिग्ध मौत, फरार हुआ IPS मणिलाल पाटीदार
महोबा के कबरई में मोहल्ला जवाहर नगर निवासी क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया। कारोबारी इंद्रकांत ने वीडियो और पत्र सीएम योगी और डीजीपी को भी भेजा था। वीडियो में व्यापारी ने कबरई पत्थरमंडी ठप होने की वजह से पैसे न देने की असमर्थता जताई थी। साथ ही एसओ पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। इंद्रकांत त्रिपाठी ने अपनी हत्या की आशंका भी जताई थी। इधर वीडियो वायरल हुआ, उधर अगली सुबह इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी कार में घायल हालत में मिले। उनके गले पर गोली लगी थी। इलाज के लिए उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल ले जाया गया, जहां 13 सितंबर 2020 को उनकी मौत हो गई।
IPS manilal patidar पर केस दर्ज
11 सितंबर 2020 को शासन के निर्देश पर पुलिस ने IPS मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, कॉन्स्टेबल अरुण यादव और दो व्यापारियों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया। मामले ने तूल पकड़ा, जिसके बाद यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया, जिसमें आत्महत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) में मामला दर्ज किया गया।
सस्पेंड होते ही फरार हुआ आईपीएस मणिलाल पाटीदार
इसके बाद सीएम योगी के आदेश पर मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड कर पुलिस महानिदेशक कार्यालय से अटैच किया गया। लेकिन, आईपीएस रातों-रात फरार हो गया। मणिलाल ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली।
1 लाख रुपए का इनाम घोषित, फिर भी कानून की पकड़ से दूर IPS
फरार आईपीएस मणिलाल की गिरफ्तारी पर पहले 25 हजार, फिर 50 हजार और फिर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। सालभर से ज्यादा समय हो गया है, इसके बावजूद मणिलाल पाटीदार का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। वो कहां गया, इसके बारे में कोई नहीं जानता। चर्चा ये भी है विभाग का मामला होने की वजह से मणिलाल अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। ये भी कहा जा रहा है कि पुलिस विभाग के काम करने की बारिकियों को अच्छे से समझने की वजह से वह पुलिस से बच रहा है।
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