जानिये आखिर क्यों फेल हो गया लखनऊ, कौन है जिम्मेदार
लखनऊ। स्वच्छ शहरों की सूचि में लखनऊ को 28वां स्थान प्राप्त हुआ है। 78 शहरों की सूचि में लखनऊ ने बड़ी छलांग लगाते हुए 28वां स्थान प्राप्त किया है। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत लखनऊ को यह रैंकिंग हासिल हुई है। लखनऊ के शीर्ष 20 या 10 में नहीं आने की वजह रही यहां की नगर निगम रही जिसके लोग असंतुष्ट हैं।
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शौचालय की भारी कमी
शहर में ना सिर्फ पर्याप्त संख्या में शौचालय की कमी हैं बल्कि कूडेदान की भी भारी मात्रा में कमी है।
विफल कूड़ा प्रबंधन
कूडा प्रबंध तंत्र लखनऊ का काफी खराब होने की वजह से टॉप 10 की लिस्ट में नहीं शामिल हो सका।
लखनऊ मेट्रों ने बचायी शहर की लाज
हालांकि लखनऊ मेट्रो के शहर में आने की वजह से लखनऊ को रैंकिंग सुधारने में काफी मदद मिली। शहर का कुल स्कोर 2000 था जिसमें लखनऊ मेट्रो के नंबर 1237 रहा है।
दूसरे और तीसरे चरण में फिसला लखनऊ
शहर का मूल्यांकन तीन चरणों में हुआ था। इस मूल्यांकन सूचि में लखनऊ को 1000 में से कुल 664 नंबर हासिल हुए जिसके चलते इसे 23वां स्थान प्राप्त हुआ।
500 में से सिर्फ 325 अंक
दूसरी सूचि में जिसमें शौचाल सहित अन्य सुविधायों को देखा गया उसमें शहर को 500 में से सि्फ 325 अंक ही प्राप्त हुए और इस सूचि में शहर 41वें स्थान पर पहुंच गया।
खुश नहीं हैं लखनऊ के लोग शहर में सफाई से
यहां के नागरिकों के फीडबैक के मामले में 87 फीसदी लोगों ने कहा कि शहर साफ नहीं है। जबकि 88 फीसदी लोगों का मानना है कि शहर में शौचालय की कमी है।
86 फीसदी शौचालय इस्तेमाल लायक नहीं
86 फीसदी लोगों का कहना है कि शौचालय इस्तेमाल के लायक नहीं है। जिसके चलते शहर को 55वीं रैंक मिली।
केंद्र सरकार ने कराया सर्वे
यह सर्वे स्वच्छ भारत की टीम के द्वारा किया गया है। केंद्र सरकार के अधिकारियों की मानें तो यहां के नागरिकों की राय काफी अहम है। हालांकि लखनऊ मेट्रों से काफी लोग संतुष्ट हैं लेकिन सफाई और कूड़ा प्रबंधन अभी भी बड़ी समस्या है।