चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी निलंबित, एनकाउंटर से पहले विकास दुबे से की थी बात
लखनऊ। चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू में हुई घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। इस वारदात के बाद पुलिस विनय दुबे को फोन को सर्विलांस पर लगाया था। जिसमें कई चौंकाने वाली बात सामने आई है। चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी ने एनकाउंटर से पहले विकास दुबे से बात की थी। पुलिस को आशंका है कि विनय तिवारी ने ही मुखबिरी की है, फिलहाल एसटीएफ ने उन्हें हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ जारी है। एसटीएफ टीम दोनों का कनेक्शन तलाशने में जुटी हैं।
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चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी को किया निलंबित
दरअसल, 2 जुलाई की देर रात बिल्हौर सीओ के नेतृत्व में शिवराजपुर, चौबेपुर और बिठूर थाने का पुलिसबल विकास दुबे के घर पर दबिश देने गया था। पुलिस टीम के पहुंचते बदमाशों ने छतों से फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ के दौरान चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी सबसे पीछे थे और फायरिंग होते ही वह वहां से भाग गए। इससे वे शक के घेरे में आ गए थे, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। उनकी जगह थानाध्यक्ष का चार्ज पुष्पराज सिंह को दिया गया है। वहीं, कानपुर आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि विनय तिवारी को पुलिस की छापेमारी की सूचना लीक करने के संदेह पर निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में विभाग के जिस भी व्यक्ति की संलिप्तता पाई गई तो उसकी तत्काल बर्खास्तगी के साथ ही गिरफ्तारी भी होगी।
पुलिस ने 2200 फोन नंबरों को लगाया था सर्विलांस पर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने 2200 मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया था। 2200 नंबरों में से पुलिस ने 100 ऐसे लोग चिन्हित किए हैं जो विनय के करीबी हैं। उनके मोबाइल नम्बरों को लिसनिंग पर लिया गया है। इस आधार पर पुलिस ने 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनसे लगातार पूछताछ जारी है। वहीं पूरी घटना में पुलिस के भेदिए के रूप में संदिग्ध माने जा रहे चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को आईजी मोहित अग्रवाल ने सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों के अनुसार विकास दुबे की कॉल डिटेल में कई पुलिस वालों के नंबर मिले हैं, सभी की पड़ताल जारी है। पता चला है कि मुठभेड़ की रात तक 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की कई बार बातचीत हुई।
जल्द ही विकास दुबे पुलिस की पकड़ में होगा: आईजी
आईजी मोहित अग्रवाल की मानों तो दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों की तलाश में पुलिस लगी हुई है और वो जल्दी ही पुलिस की पकड़ में होगा। विकास दुबे और उसके शूटर गैंग ने जिस तरह से जघन्य हत्याकांड को प्लानिंग के तहत अंजाम दिया, उसने पुलिस विभाग की गोपनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। अधिकारियों को आशंका है कि पुलिस महकमे के ही किसी भेदिए ने चौबेपुर थाने से फोर्स के चलने और गांव पहुंचने तक पल-पल की मूवमेंट की जानकारी विकास दुबे को दी थी।