कोरोना के नाम पर मरीजों को 'लूट' रहे थे लखनऊ के ये 3 अस्पताल, एक दिन का बिल डेढ़ लाख, FIR के आदेश
लखनऊ, मई 13: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इन अस्पतालों में मरीजों से सरकार द्वारा तय शुल्क से ज्यादा वसूली की जा रही थी। जिला प्रभारी की जांच में मामला सही पाए जाने के बाद तीनों अस्पतालों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही इन अस्पतालों में मरीजों की सीधी भर्ती भी रोक दी गई है। अब यहां सिर्फ कमांड सेंटर के निर्देश पर ही मरीजों की भर्ती की जाएगी।
एक मरीज से एक दिन में वसूले डेढ़ लाख रुपए
जिला प्रभारी रौशन जैकब ने दो अन्य टीमों के साथ राजधानी के कुर्सी रोड स्थिति जेपी हॉस्पिटल, गोमती नगर स्थित मैक्वेल हॉस्पिटल और फैजाबाद रोड स्थित देविना हॉस्पिटल में जांच की थी। जांच के दौरान टीम ने मैक्वेल अस्पताल में एक बिल में 86000 रुपए और दूसरे में 38 हजार की वसूली पकड़ी। जबकि, नियमानुसार शासन ने अधिकतम 18 हजार रुपए की दर तय की है। इसमें ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर, पीपीई किट, दस्ताने, दवाइयां आदि का खर्च शामिल है। यही नहीं टीम को एक मरीज ऐसे भी मिली, जिससे एक दिन में एक लाख 10 हजार रुपए दवाओं के नाम पर और 56 हजार रुपए इलाज के नाम पर वसूले गए।
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मुकदमा दर्ज करने के आदेश
इसके के बाद तीनों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही इन अस्पतालों में मरीजों की सीधी भर्ती भी रोक दी गई है। अब सिर्फ आईसीसीसी से भर्ती की जाएगी। यानी अब यहां सिर्फ कमांड सेंटर के निर्देश पर ही मरीजों की भर्ती की जाएगी। बता दें, उत्तर प्रदेश में 17 मई तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू है। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं, कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुधवार को प्रदेश में कोरोना के 18, 125 नए मामले सामने आए थे। वहीं, राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां 916 नए केस मिले।