समाजवादी सरकार में ब्राह्मण उदय के पीछे का गुणा-भाग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के अब महज कुछ महीने बचे हैं, जिसके चलते आठवें कैबिनेट विस्तार में पार्टी तमाम सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश की है। इसी कड़ी में यूपी में ब्राह्मण वोटों में सेंधमारी की पार्टी ने शुरुआत कर दी है।
यूपी चुनाव की तैयारी जोरों पर, युवाओं का वोटर लिस्ट में ना होना बड़ी चुनौती
11
फीसदी
ब्राह्मण
वोट
बैंक
पर
नज़र
यूपी
में
ब्राह्मणों
का
वोट
बैंक
तकरीबन
11
फीसदी
है
ऐसे
में
सपा
ब्राह्मणों
को
दरकिनार
करने
का
जोखिम
नहीं
ले
सकती
है।
इसी
के
चलते
इस
बार
के
कैबिनेट
विस्तार
में
ब्राह्मणों
को
विशेष
तरजीह
देते
हुए
तीन
ब्राह्मण
चेहरों
को
कैबिनेट
में
जगह
दी
है।
बुलंदशहर रेप केस में आजम खान को नोटिस भेजने का SC ने CBI को दिया निर्देश
3
ब्राह्मण
नेताओं
का
बढ़ा
कद
अखिलेश
यादव
ने
अपने
कैबिनेट
विस्तार
में
दो
ब्राह्मण
मंत्रियों
को
जगह
दी
है
जबकि
एक
ब्राह्मण
मंत्री
का
कद
उंचा
किया
गया
है।
हालांकि
अभी
तक
मंत्रियों
के
मंत्रालय
की
घोषणा
नहीं
की
गई
है
लेकिन
माना
जा
रहा
है
कि
इन्हें
अहम
जिम्मेदारी
दी
जा
सकती
है।
जिन ब्राह्मण नेताओं को कैबिनेट में जगह मिली है वह उंचाहार से विधायक मनोज पांडे, शिवाकांत ओझा हैं. जबकि अभिषेक मिश्रा को स्वतत्र चार्ज से कैबिनेट में जगह दी गई है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह अहम फैसला उस वक्त लिया गया जब सपा के सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को लुभाने के लिए बड़ी रैली कर रहे थे।
बसपा
के
गणित
को
फेल
करने
की
कोशिश
अभी
तक
के
चुनावी
समीकरण
को
समझे
तो
सपा
मुख्य
रूप
से
बसपा
की
रणनीति
को
विफल
करने
में
जुटी
है,
मायावती
ने
ब्राह्मणों
को
लुभाने
के
लिए
पार्टी
में
ब्राह्मणों
के
सबसे
बड़े
पैरोकार
सतीश
चंद्र
मिश्रा
को
आगे
किया
है।
ब्राह्मणों को लुभाने के लिए मायावती ने पार्टी में ब्राह्मण फेस सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में प्रदेश में 30 रैलियां करने का फैसला लिया है। ब्राह्मणों के वोट बैंक को अपनी ओर करने के लिए कांग्रेस और भाजपा भी अपनी पूरी ताकत झोंकने में पहले से ही लगी हुई हैं।
गायत्री
प्रजापति
चर्चा
का
मुख्य
केंद्र
ब्राह्मणों
के
वोट
बैंक
साधने
के
अलावा
अखिलेश
के
कैबिनेट
विस्तार
का
मुख्य
केंद्र
गायत्री
प्रजापति
रहे
जोकि
हाल
ही
में
पार्टी
में
पड़ी
रार
के
बीट
बर्खास्त
कर
दिए
गए
थे।
लेकिन
बर्खास्त
किए
जाने
के
कुछ
ही
दिनों
के
भीतर
उन्हें
फिर
से
मंत्रिमंडल
में
जगह
दी
गई
है।
इसके
साथ
ही
दो
मुस्लिम
चेहरों
को
भी
कैबिनेट
में
जगह
दी
गई
है।
मुस्लिम
वोटों
पर
भी
पैनी
नज़र
अखिलेश
के
कैबिनेट
विस्तार
में
मुस्लिमों
का
भी
खास
खयाल
रखा
गया
है।
जियाउद्दीन
रिजवी
को
कैबिनेट
में
जगह
दी
गई
है
जिन्हें
शिया
वोट
बैंक
के
तहत
यह
मौका
दिया
गया
है।
हाल
में
अखिलेश
सरकार
में
शिया
नेता
का
प्रतिनिधित्व
कम
था
जिसे
इस
विस्तार
में
दूर
किया
गया
है।
उनके
अलावा
रियाज
अहमद
को
भी
बतौर
मुस्लिम
फेस
कैबिनेट
में
जगह
दी
गई
है।
पिछड़ी
जातियों
को
भी
दी
गई
तरजीह
ब्राह्मण,
मुस्लिम
के
अलावा
पिछड़ी
जातियों
के
प्रतिनिधित्व
को
भी
इस
बार
के
कैबिनेट
विस्तार
में
जगह
दी
गई
है,
जिसमें
कुर्मी
समाज
के
नरेंद्र
वर्मा,
ओबीसी
नेता
शंखलाल
मांझी
को
कैबिनेट
में
जगह
दी
गई
है।
बहू
के
लिए
सेनापति
नियुक्त
इसके
अलावा
रविदास
मेहरोत्रा
का
भी
पार्टी
ने
कद
बढ़ाया
है
जोकि
लखनऊ
सेंट्रल
से
विधायक
हैं।
माना
जा
रहा
है
कि
वह
मुलायम
सिंह
की
बहू
अपर्णा
यादव
की
आगामी
चुनाव
में
मदद
करेंगे
जोकि
कैंट
विधानसभा
सीट
से
पार्टी
की
उम्मीदवार
हैं।