भाजपा को समर्थन के बयान पर कायम हैं मायावती, अब कही ये बात
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले एलएलसी चुनावों में बसपा सुप्रीमो मायावती सपा प्रत्याशी को हराने के लिए भाजपा या किसी अन्य पार्टी को समर्थन देने के अपने बयान पर अडिग हैं। सोमवार को मायावती ने कहा, जरूरत पड़ने पर बसपा राज्य में आगामी एमएलसी चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) को हराने के लिए भाजपा या किसी अन्य पार्टी का समर्थन करेगी। हमने सपा के दलित विरोधी कार्यों के खिलाफ अपना कड़ा रुख दिखाने के लिए यह निर्णय लिया है। इससे पहले मायावती ने कहा था कि एमएलसी के चुनाव में बसपा जैसे को तैसा का जवाब देने के लिए पूरी ताकत लगा देगी। भाजपा को वोट देना पड़ेगा तो भी देंगे, लेकिन एमएलसी के चुनाव में सपा के उम्मीदवार को हराने के लिए पूरा जोर लगाएंगे।
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अखिलेश यादव के आरोपों का दिया जवाब
मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस कर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब दिया है। मायावती ने कहा कि वे किसी का भी समर्थन करेंगी, लेकिन समाजवादी पार्टी को हर हाल में हराएंगी। मायावती ने ये भी स्पष्ट किया है कि भाजपा के साथ उनका कोई गठबंधन नहीं है। मायावती ने कहा है कि वो बीजेपी के साथ चुनाव लड़ ही नहीं सकतीं, क्योंकि उनकी पार्टी की विचारधारा उनसे नहीं मिलती। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और सपा के लोग मेरे इस बयान को गलत तरह से प्रचारित कर रहे हैं, ताकि खासकर मुस्लिम समाज के लोग बीएसपी से अलग हो जाए और उत्तर प्रदेश में 7 विधानसभा सीटों पर जो उपचुनाव हो रहा है उसमें मुसलमानों का वोट बीएसपी को न पड़े।
मायावती ने कहा- भाजपा के साथ न गठबंधन, न ही उनके साथ चुनाव लड़ेंगे
अखिलेश यादव ने कहा था कि बसपा ने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है। इस पर बोलते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा के साथ न तो उनका गठबंधन है और न ही वो उनके साथ चुनाव लड़ेंगी। इस दौरान मायावती ने केंद्र पर सीबीआई और ईडी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें परेशान किया गया है। इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने कहा था कि सपा को हराने के लिए वो भाजपा को भी वोट दे सकती हैं।
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