इस चुनाव में भाजपा ने भारी जीत हासिल कर मुलायम कुनबे के वर्चस्व को तोड़ा, तीस साल बाद पलट दिया इतिहास
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों का चुनाव इस बार सपा और भाजपा समर्थकों के बीच भिड़ंत को लेकर चर्चा में रहा। कन्नौज में प्रत्याशियों के नामांकन और फिर मतदान दोनों ही दिन सपा और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई और पथराव होने की घटनाएं हुईं। अब इस चुनाव का परिणाम आ गया है और भाजपा को इसमें भारी सफलता मिली है। यूपी सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों की 323 शाखाओं के लिए हुए चुनाव में 293 सीटों पर भाजपा ने फतह हासिल की और इसके साथ पिछले तीन दशक से चल रहे सपा के वर्चस्व को ध्वस्त कर दिया। सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों में मुलायम सिंह यादव के परिवार का दबदबा रहा और यह मायावती के शासनकाल में भी चलता रहा लेकिन भाजपा ने उस दबदबे को खत्म कर दिया है।
शिवपाल यादव का रहा है इस संस्था पर 'राज'
मुलायम सिंह यादव के भाई और सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव सहकारी ग्रामीण विकास बैंक के सभापति के पद पर रहे हैं। इस बैंक की 323 शाखाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि प्रदेश स्तर पर 14 डायरेक्टर को चुनते हैं। उन डायरेक्टरों में से सभापति और उपसभापति का चुनाव किया जाता है। इस संस्था में सपा के वर्चस्व की वजह से शिवपाल सिंह यादव लंबे समय तक इसके सभापति रहे। इस बार का चुनाव भाजपा के लिए कठिन माना जा रहा था लेकिन पार्टी की रणनीति की वजह से सपा धराशायी हो गई। भाजपा ने इस चुनाव में भारी जीत हासिल कर इतिहास रचा है। हलांकि शिवपाल सिंह यादव और उनकी पत्नी को जीत हासिल हुई है लेकिन सपा ने इस चुनाव में मुंह की खाई है।
कहां-कहां भाजपा की हुई जीत
भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल के नेतृत्व में पार्टी ने यह चुनाव लड़ा और भारी जीत हासिल की। इस चुनाव में भाजपा को पश्चिम में 59 में से 55, काशी क्षेत्र में 38 में से 33, गोरखपुर क्षेत्र में 34 में से 30, कानपुर क्षेत्र में 45 में से 34 और ब्रज क्षेत्र में 82 में से 78 शाखाओं में जीत हासिल हुई है। इस चुनाव में मथुरा के गोवर्धन और नौझील में नामांकन की प्रक्रिया नहीं हो पाई। कुछ शाखाओं में चुनाव निरस्त करने पड़े जिनमें कुशीनगर की पडौराना, बांदा की बबेरू, फतेहपुर की बिंदकी खागा, सोनभद्र की रॉबर्ट्सगंज और कानपुर की घाटमपुर और चौबेपुर शाखा शामिल हैं।
तीस सालों से मुलायम यादव के कुनबे का वर्चस्व
1991 के बाद सहकारिता ग्रामीण विकास बैंक की शाखाओं के प्रबंधन में मुलायम कुनबे का वर्चस्व रहा। 1994 में शिवपाल सिंह यादव सभापति बने। इसके बाद 1999 में सिर्फ सुरजनलाल वर्मा सभापति बने जो कि उस समय के भाजपा शासनकाल में सहकारिता मंत्री के भाई थे। इसके बाद बसपा काल में सपा का वर्चस्व चलता रहा। उत्तर प्रदेश में सहकारिता ग्रामीण विकास बैंक की 323 शाखाओं में हरेक में एक प्रतिनिधि का चुनाव किया जाता है। इसके बाद प्रबंध कमेटी के 14 डायरेक्टर का चुनाव होता है जो कि 22 और 23 सितंबर को इस बार होगा। इस कमेटी में इस बार भाजपा का वर्चस्व होगा। 23 सितंबर को ही सभापति, उपसभापति समेत अन्य समिति प्रतिनिधियों का चुनाव कर लिया जाएगा।
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