बंगाल में BJP प्रत्याशी मुमताज़ ने चुनाव से नामांकन लिया वापस, अपने ही दल पर लगाए ऐसे आरोप
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोलकाता नगर निगम के चुनाव होने हैं। वहां विपक्ष दल भाजपा ने मुमताज अली को अपना उम्मीदवार तय किया था, हालांकि अली ने कोलकाता निकाय चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया है। इसे भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है। अली का कहना है कि, उन्हें अपनी पार्टी से जमीनी स्तर पर कोई समर्थन नहीं मिला। यहां तक कि कॉल के जवाब भी नहीं आ रहे। ऐसे में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है।
कोलकाता में मुमताज़ अली हुईं पार्टी से खफा
मुमताज़
अली
ने
स्पष्ट
रूप
से
कहा,
"मैं
[निकाय
चुनावों
से]
पीछे
नहीं
हटना
चाहती
थी।
लेकिन
जिस
दिन
मैं
अपना
नामांकन
दाखिल
करने
गई,
उस
दिन
पार्टी
से
मेरे
चुनावी
एजेंट
के
अलावा
कोई
नहीं
था,
"
अली
ने
कहा,
"हमारी
पार्टी
के
नेतृत्व
ने
कॉल
का
भी
जवाब
नहीं
दिया।
मैं
अकेली
पर्चा
भरने
गई।
यहां
तक
कि
मेरा
चुनावी
एजेंट
भी
नदारद
था।"
बकौल
अली,
"जब
मैंने
अन्य
दलों
के
उम्मीदवारों
को
उनके
समर्थकों
के
साथ
आते
देखा,
तो
मुझे
बहुत
बुरा
लगा।
मेरी
आंखों
में
आंसू
थे।
मैं
ऑफिस
में
घुसी
ही
नहीं।
मैंने
एक
हवलदार
से
पूछा
कि
मैं
अपना
नामांकन
कैसे
वापस
ले
सकती
हूं?
मैंने
दोपहर
तक
इंतजार
किया
और
अपना
नामांकन
वापस
ले
लिया।"
भाजपा नेतृत्व को ये भी नहीं पता कि मैं महिला हूं
बता
दें
कि,
मुमताज़
आगामी
कोलकाता
नगर
निगम
चुनावों
के
लिए
वार्ड-134
से
बंगाल
भाजपा
की
उम्मीदवार
थीं।
अपना
नामांकन
दाखिल
करने
के
ठीक
दो
दिन
बाद,
उन्होंने
अपनी
पार्टी
से
जमीनी
स्तर
पर
समर्थन
की
कमी
के
कारण
चुनाव
से
नाम
वापस
ले
लिया।
मुमताज
का
दावा
है
कि,
बंगाल
भाजपा
नेतृत्व
को
यह
भी
नहीं
पता
था
कि
वह
चुनाव
से
हट
गई
हैं।
मुमताज
बोलीं-
"उन्होंने
मीडिया
के
माध्यम
से
खबर
मिलने
के
दो
दिन
बाद
मुझे
फोन
किया,"
उन्होंने
कहा,
"इसके
बाद,
भाजपा
महिला
मोर्चा
प्रमुख
अग्निमित्र
पॉल
ने
मुझे
फोन
किया
और
पूछा
कि
क्या
मुमताज
दादा
घर
पर
हैं।
एक
महिला
होने
के
बावजूद
उन्होंने
एक
अन्य
महिला
उम्मीदवार
को
'दादा'
कहा।
उन्हें
अपने
उम्मीदवारों
के
बारे
में
कोई
जानकारी
नहीं
है।
इसलिए,
आप
कल्पना
कर
सकते
हैं
कि
वे
हमें
किस
तरह
का
महत्व
देते
हैं।,
"
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विधानसभा चुनावों में मैंने बहुत मेहनत की थी
मुमताज ने कहा कि उन्होंने राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान मेटियाब्रुज निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की थी और नेतृत्व से उन्हें वार्ड 133 से नामित करने का अनुरोध किया था, जिस क्षेत्र से वह परिचित थीं। फिर भी, उन्हें बगल के वार्ड (134) के लिए नामांकित किया गया।'
मुझे
ऐसी
सीट
दी,
जहां
10
वोट
भी
न
मिले
उन्होंने
कहा,
'उन्होंने
मुझे
जानबूझकर
ऐसी
सीट
पर
भेजा
जहां
मुझे
10
वोट
भी
न
मिले।
मैं
इसे
लेकर
आश्वासन
दे
सकती
हूं।
अब
मैं
पूरी
तरह
से
असहाय
महसूस
कर
रही
हूं।
मेरी
सहायता
के
लिए
कोई
कैडर
नहीं
है।
मुझे
यकीन
नहीं
है
कि
मैं
इस
पार्टी
में
कब
तक
रह
सकती
हूं।
जो
भी
पार्टी
मुझे
काम
करने
की
अनुमति
देगी,
मैं
उसमें
शामिल
हो
जाऊंगी।,
"