नौ मई तक बढ़ी पीयूष जैन की रिमांड, DGGI को बताया कहां से आई अकूत संपत्ति
नौ मई तक बढ़ी पीयूष जैन की रिमांड, DGGI को बताया कहां से आई अकूत संपत्ति
कानपुर, 26 अप्रैल: पीयूष जैन, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) और इनकम टैक्स विभाग की रेड के बाद मीडिया ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में आ गए थे। पीयूष के कानपुर और कन्नौज स्थित ठिकानों पर करीब छह दिनों तक चली छापेमारी में अकूत संपत्ति मिली थी। इस मामले में पीयूष जैन पिछले काफी समय से जेल में बंद है। तो वहीं, अब कोर्ट ने पीयूष जैन की रिमांड अवधि नौ मई तक बढ़ा दी गई है।
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आपको बता दें कि पीयूष जैन के घर से डीजीजीआई ने 196.45 करोड़ रुपये नकद और 23 किलो सोना बरामद किया था। अब जब इस घटना को तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है तो खुद पीयूष की ओर से 196 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब दिया गया है। डीजीजीआई को दिए विवरण में स्वीकार किया है कि कैश बिक्री करके पैसा एकत्रित किया गया। कन्नौज की तीनों कंपनियों से कब-कब कितना पैसा बनाया गया, इसका भी विवरण है।
पीयूष जैन के इस कुबूलनामे के बाद डीजीजीआई की राह काफी हद तक आसान हो गई है। अब पीयूष के खिलाफ कोर्ट में आर्थिक अपराध के मुकदमे को साबित करने में समय नहीं लगेगा। आपको बता दें कि पीयूष जैन की ओर से दिए गए विवरण में कैश बिक्री से हुई कमाई के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी, 18 प्रतिशत टैक्स और 15 प्रतिशत पेनाल्टी की राशि दी गई है। कैश बिक्री से 196 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय दिखाते हुए इस पर जीएसटी, टैक्स और पेनाल्टी मिलाकर 52 करोड़ से ज्यादा की देनदारी भी खुद पीयूष के साझीदारों की ओर से घोषित की गई है।
डीजीजीआई को दिए दस्तावेज में यह भी लिखकर दिया गया है कि वे देनदारी के रुपयों पर कोई रिटर्न नहीं मांगेंगे और न ही इसके लिए कोई वाद दाखिल करेंगे। डीजीजीआइ के वरिष्ठ अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने बताया कि इस संबंध में दस्तावेज मिले हैं जो अविधिक तरीके से एकत्रित किए गए रुपयों की जानकारी देते है।