Kanpur : अस्पताल प्रबंधन की शर्मनाक हरकत, काउंटर पर गिर गए पैसों के लिए 2 घंटे मृत माँ के बेटे को टहलाया
एक 21 साल के बेटे को चंद रुपयों के लिए 2 घंटो तक अपनी माँ की लाश लिए अस्पताल के बाहर बैठने पर मजबूर कर दिया गया। हैरानी की बात तो ये है कि वह पैसे उसी के थे जो वह अस्पताल के काउंटर पर हड़बड़ी में भूल गया था।
उत्तर
प्रदेश
के
कानपुर
से
फिर
एक
बार
मानवता
को
शर्मसार
कर
देने
वाला
मामला
सामने
आया
है।
जहां
एक
21
साल
के
बेटे
को
चंद
रुपयों
के
लिए
2
घंटो
तक
अपनी
माँ
की
लाश
लिए
अस्पताल
के
बाहर
बैठने
पर
मजबूर
कर
दिया
गया।
हैरानी
की
बात
तो
ये
है
कि
वह
पैसे
उसी
के
थे
जो
वह
अस्पताल
के
काउंटर
पर
हड़बड़ी
में
भूल
गया
था।
अस्पताल
प्रबंधन
से
लाख
मिन्नतें
करने
और
गिड़गिड़ाने
के
बाद
भी
स्टाफ
ने
पुलिस
को
बुला
लिया।
बताया
जा
रहा
है
कि
माँ
के
अंतिम
संस्कार
के
लिए
उसे
वह
पैसे
चाहिए
थे।
पार्षद
पति
ने
किया
हस्तक्षेप,
तब
हुआ
अंतिम
संस्कार
एक
तरफ
माँ
की
मौत
का
सदमा
और
दूसरी
तरफ
अस्पताल
प्रबंधन
से
अपने
ही
पैसों
के
लिए
जद्दोजहद
ने
युवक
को
तोड़
कर
रख
दिया
और
वह
फूट
फूट
कर
अस्पताल
के
गेट
पर
ही
रोने
लगा।
करीब
पौने
दो
घंटे
के
बाद
जब
पार्षद
पति
ने
हस्तक्षेप
किया
तो
उसे
रुपये
वापस
मिले।
जिसके
बाद
वह
अपनी
मां
का
अंतिम
संस्कार
कर
सका।
एक
बेटे
की
मां
के
अंतिम
संस्कार
के
लिए
की
गई
जद्दोजहद
को
जिसने
भी
देखा
वह
व्यवस्था
को
कोसता
रहा
और
बेटे
पर
तरस
खाता
रहा।
13
हजार
रुपये
के
लिए
मृत
माँ
को
कराया
इंतजार
दरअसल,
पूरा
मामला
यूपी
के
कानपुर
नगर
में
मान्यवर
कांशीराम
अस्पताल
का
है।
मंगलवार
सुबह
करीब
11:30
बजे
चकेरी
के
टटिया
झनाका
निवासी
पेंटर
आकाश
अपनी
मां
विजमा
(45)
को
भर्ती
कराने
आया
था।
पथरी
के
इलाज
के
बावजूद
विजमा
की
तबीयत
बिगड़ी
और
उनका
देहांत
हो
गया।
जिस
वक्त
उनका
देहांत
हुआ
तब
उनका
21
वर्षीय
बेटा
आकाश
काउंटर
से
पर्चा
बनवाकर
लौटा
ही
था।
जैसे
ही
उसने
गाड़ी
में
मां
की
लाश
देखी
तो
वह
बेसुध
हो
गया।
कुछ
ही
समय
बाद
जब
उसने
सोचा
कि
अंतिम
संस्कार
के
लिए
पैसे
करने
होंगे
तो
जेब
में
रखे
13
हजार
रुपये
जो
काउंटर
पर
ही
गिर
गए
हैं,
उसके
बारे
में
आकाश
को
याद
आया।
इस
दौरान
काउंटर
के
पास
पन्नी
में
लिपटे
रुपये
पड़े
देख
जाजमऊ
निवासी
जीनत
ने
उसे
उठाकर
स्टाफ
को
दे
दिए
थे।
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पुलिस
से
भी
हुई
तीखी
नोकझोंक
जिसके
बाद
अस्पताल
स्टाफ
ने
पैसों
की
पन्नी
सीएमएस
डॉ.
स्वदेश
गुप्ता
को
सौंप
दी।
इधर,
जब
आकाश
पैसे
लेने
काउंटर
पर
पंहुचा
तो
किसी
को
उसपर
यकीन
नहीं
हुआ
कि
वह
रुपये
उसके
हैं।
आकाश
गिड़गिड़ाता
रहा,
हाथ
जोड़ता
रहा
कि
मुझे
मेरी
माँ
का
अंतिम
संस्कार
करना
है।
वह
पैसे
मेरे
हैं
जो
हड़बड़ी
में
मुझसे
गिर
गए
थे।
लेकिन
सीएमएस
ने
उसकी
एक
न
सुनी
और
रुपये
चकेरी
थाने
भिजवा
दिए।
जानकारी
अनुसार
आकाश
की
इस
दौरान
पुलिस
से
भी
तीखी
नोकझोंक
हुई।
बहरहाल,
सूचना
पाकर
मौके
पर
पहुंचे
गांधीधाम
वार्ड
के
पार्षद
पति
व
पूर्व
पार्षद
मनोज
यादव
ने
पुलिस
से
वार्ता
कर
आकाश
के
रुपये
लौटाए।
इसके
बाद
उसने
अपनी
मां
का
अंतिम
संस्कार
किया।