कानपुर शेल्टर होम केस में सीएम योगी ने संज्ञान, दोषियों को सख्त सजा के आदेश
कानपुर। कानपुर के संवासनी गृह में 57 संवासनियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने व 7 संवासनियों के गर्भवती पाए जाने के मामले को उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के आदेश के बाद कानपुर पहुंची राज्य बाल अधिकार संरक्षण की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने संवासनी गृह से सम्बंधित घटना के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। मीडिया से बात करते हुए डॉ. शुचिता ने बताया कि जो चूक हुई है उसकी जांच के लिए उन्हें भेजा गया है।सीएम का सख्त आदेश है कि कहीं पर भी जिससे जो चूक हुई है, उसको सजा दी जाए।
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एक महिला कर्मचारी की वजह से संक्रमित हुई बच्चियां
डॉ. शुचिता का कहना है कि अगर इन बच्चियों को पहले ही कहीं क्वारंटाइन कर लिया जाता तो ठीक था। एक कर्मचारी महिला पॉजिटिव पाई गई, वो बराबर उनके साथ जाती रही, जिसकी वजह से उस महिला कर्मचारी की वजह से सभी संक्रमित हुई हैं। उनका कहना है कि जंहा पर बच्चियों को क्वारंटाइन किया गया है वंहा की स्थिति संतोषजनक है। उनसे बात की गई तो अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हैं। डॉ. शुचिता का कहना है कि अभी बच्चियों का सैंपल लिया गया है, अभी कंफर्म नहीं है कि सभी 57 बच्चिया कोरोना पॉजिटिव हैं।
बालिका गृह की क्षमता बढ़ाने के लिए जल्दी व्यवस्था की जाएगी
संवासनी गृह में कम क्षमता होने के मामले पर उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का एक आदेश आया था जिसमे पॉक्सो से जुड़ी बच्चियां होती है, उनको बालिका गृह में रखने का आदेश दिया गया। पहले बालिका गृह में उन बच्चियों को रखा जाता था जो अपने माता पिता से पीड़ित होती थीं या फिर जिनके माता पिता नहीं होते है। पॉक्सो से जुड़ी जो बच्चियां हैं, उनको भी बालिका गृह में रखा जाने लगा, इसलिए संख्या बढ़ गई। बालिका गृह की क्षमता बढ़ाने के लिए जल्दी व्यवस्था की जाएगी।
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