जानिए कौन हैं कल्पना सोरेन, जो बन सकती हैं झारखंड की अगली मुख्यमंत्री
नई दिल्ली, 26 अगस्त। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधान सभा की सदस्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अगर चुनाव आयोग उनकी सदस्यता को रद्द करने का फैसला करता है तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता जाने के बाद प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसको लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो हेमंत सोरेन की पत्नी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की चीफ शिबू सोरेन की बहू राजनीति से दूर रहती हैं और वह बहुत ज्यादा मीडिया में भी नहीं आती हैं। वह खुद का एक स्कूल चलाती हैं, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी काम करती हैं।
व्यक्तिगत परिचय
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को लेकर झारखंड में चर्चा तेज हो गई है कि उन्हें प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। कल्पना ओडिशा के मयूरभंज से आती हैं, उनका जन्म एक बिजनेसमैन के घर हुआ था। कल्पना की मां गृहणी हैं। कल्पना का जन्म रांची में 1976 में हुआ था और उन्होंने रांची स्थित एक प्राइवेट स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की और यहीं से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 7 फरवरी 2006 में उनकी हेमंत सोरेन से शादी हुई थी और दोनों के दो बच्चे हैं।
सामाजित काम में लगाव
लोगों के बीच कल्पना बहुत ही कम नजर आती हैं, वह स्कूल चलाने के साथ एक बिजनेस वूमन भी हैं। हालांकि उनका इस तरह के कामों में मन लगता है, जो महिलाओं को बढ़ावा दें, उन्हें मजबूत करे, वह बच्चों के लिए भी कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। वह इस तरह के कार्यक्रमों में अक्सर नजर आथी हैं। कई लोगों का मानना है कि कल्पना का विवाह एक राजनीतिक परिवार में हुआ है, लिहाजा वह झारखंड के हालात को संभाल सकती हैं और मौका मिले तो वह सरकार भी चला सकती हैं।
लग चुके हैं आरोप
कल्पना से जुड़े विवाद की बात करें तो झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुबर दास ने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पत्नी को जमीन आवंटित की, जोकि एक बिजनेस करती हैं। हेमंत सोरेन के पास इंडस्ट्री विभाग है और उन्होंने कल्पना को 11 एकड़ जमीन आवंटित की थी, यह जमीन आदिवासियों के लिए उद्योग लगाने के लिए दी गई थी। इसका खुलासा रघुबर दास ने किया था।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का उल्लंघन
प्लॉट का आवंटन मीट प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए दिया गया था। प्लॉट रांची स्थित बारहे इंडस्ट्रियल पार्क में दिया गया था। प्लॉट को सोहरई प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को दिया गया था। यह कंपनी कल्पना सोरेन की है और वही इसे चलाती हैं। रघुबार दास ने आरोप लगाया था कि जमीन आवंटित करके प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13-2 का उल्लंघन किया गया है।