झारखंड: अनुसूचित जनजाति के छात्रों को हर साल स्कॉलरशिप देगी राज्य सरकार, विदेश में पढ़ाई का मिलेगा मौका
रांची। scholarship to ST students झारखंड सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभाशाली छात्रों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। दरअसल, राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि हर साल प्रदेश से 10 अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाएगी, जिसकी मदद से वो छात्र विदेश में पढ़ाई कर सकेंगे।
मास्टर और एम.फिल में छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप
राज्य सरकार ने कहा है कि ये स्कॉलरशिप मास्टर कोर्सेस और एम.फिल प्रोग्राम करने वाले कुछ चुनिंदा छात्रों को मिलेगी, जिसकी मदद से वो छात्र विदेश की अच्छी यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई को आगे जारी रख सकेंगे। इस योजना को मारंग गोमके जयपाल सिंह विदेश छात्रवृत्ति योजना 2020 के नाम से जाना जाएगा। आपको बता दें कि मारंग गोमके अनुसूचित जनजाति के महान नेता थे।
राज्य में सीमित अवसरों की वजह से अछूते रह जाते हैं अनुसूचित जाति के छात्र
विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने कहा है कि स्थानीय छात्रों को मुख्य रूप से राज्य के भीतर उपलब्ध सीमित अवसरों की वजह से अपनी प्रतिभा के उचित उपयोग के मौके नहीं मिल पाते। इसी वजह से अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छात्रवृति की घोषणा की गई है। इसमें कहा गया है, "हर साल अनुसूचित जनजातियों से संबंधित दस चुनिंदा प्रतिभाशाली छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
स्कॉलरशिप के लिए क्या होगी शर्तें?
स्कॉलरशिप
प्राप्त
करने
वाले
छात्र
झारखंड
के
स्थानीय
निवासी
हो
और
40
वर्ष
की
आयु
तक
छात्रवृत्ति
का
लाभ
उठा
सकते
हैं।
यदि
वे
एक
वर्ष
या
दो
वर्ष
की
अवधि
के
पीजी
कोर्सेस
या
एम.फिल
के
लिए
पूर्ण
डिग्री
कार्यक्रम
में
अप्लाई
करते
हैं
तो
परिपत्र
को
प्राथमिकता
देते
हुए
सूचित
किया
जाता
है,
ऐसे
छात्रों
को
स्कॉलरशिप
दी
जाएगी,
लेकिन
यह
ऑफर
केवल
ऑक्सफोर्ड,
कैम्ब्रिज,
मैनचेस्टर,
ब्रिस्टल,
ससेक्स,
इंपीरियल
कॉलेज
लंदन
और
लंदन
स्कूल
ऑफ
इकोनॉमिक्स
एंड
पॉलिटिकल
साइंस
जैसे
ग्रेट
ब्रिटेन
और
उत्तरी
आयरलैंड
के
15
चुने
हुए
विश्वविद्यालयों
में
पढ़ने
के
लिए
जाने
वालों
तक
सीमित
होगा।