VIDEO: ऑक्सिजन सपोर्ट लेकर ड्यूटी पर आया बैंककर्मी, अधिकारी पर छुट्टी ना देने का लगाया आरोप
रांची, मई 27: झारखंड के बोकारो जिला में पंजाब नेशनल बैंक के एक बैंक कर्मी के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां पर बैंक कर्मी ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ बैंक पहुंचा। पीएनबी के अधिकारियों पर कर्मचारी ने प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि वह कोरोना से ग्रसित था, अभी ठीक होने के बाद फेफड़े में संक्रमण के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर है लेकिन बैंक के अधिकारी उसे काम पर बुलाते हैं।
ऑक्सिजन सपोर्ट लेकर पहुंच गया ऑफिस
मामला बोकारो के सेक्टर 4 स्थित पंजाब नेशनल बैंक का है।. यहां कार्यरत अरविंद कुमार ने बताया कि वे कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्होंने कहा कि 10 दिन तक बुखार में रहने के बाद वे अभी ठीक हुए। ठीक होते ही उन्हें फेफड़े में संक्रमण की दिक्कत हो गई। इसके बाद से वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। अरविंद ने आरोप लगाया कि इस हालत में भी बैंक के अधिकारी उन्हें काम पर बुलाते हैं। पेमेंट को लेकर भी खींचतान करते हैं
बैंक पर लगाएं गंभीर आरोप
जिसके बाद अरविंद ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए अपनी पत्नी और बेटे के साथ मंगलवार को ब्रांच पहुंचे थे। उनके परिवार ने इसका वीडियो बनाया और ऑनलाइन पोस्ट कर दिया। इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में दिख रहा है कि, अरविंद सीढ़ियों से होते हुए वह एक अधिकारी के केबिन तक पहुंचते हैं, जहां उनके परिवार और बैंक अधिकारी के बीच तीखी बहस होती है। वीडियो के अंत में वह मैनेजर से पूछते हैं कि उन्हें प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है।
बैंक कर्मी सौंप चुका है इस्तीफा
वीडियो में वह कहते हैं कि मैं बीमार हूं और मेरी हालत गंभीर है। अरविंद कहते हैं, 'डॉक्टरों ने कहा है कि मुझे रिकवर होने में कम-से-कम तीन महीने लगेगा क्योंकि संक्रमण फेफड़ों में फैल चुका है।' उन्होंने बैंक से वेतन भुगतान करने की भी मांग की। आरोप है कि उनका भुगतान रोक लिया गया है। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि बैंक अधिकारियों ने उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया लेकिन इसे भी स्वीकार नहीं किया गया। अब वे वेतन काटने की धमकी दे रहे हैं।
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बैंक ने उटले कर्मी पर लगाएं गंभीर आरोप
वहीं दूसरी ओर बैंक की ओर से भी बयान जारी किया गया है। बैंक का कहना है कि अरविंद कुमार के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है और लोन एकाउंट एनपीए होने के मामले में रिकवरी की कार्यवाही बंद करवाने के लिए उन्होंने यह ड्रामा किया है। बैंक ने अपने बयान में कहा है कि यह कहना गलत है कि कोविड से रिकवर होने के दौरान उन्हें ऑफिस आने के लिए बाध्य किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद मैनेजर के पद पर हैं और उन्होंने इस्तीफा दिया था, लेकिन विभागीय जांच जारी होने की वजह से उसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके अलावा अरविंद बिना पूर्व अनुमति के दो साल से अधिक समय तक बैंक से अनुपस्थित रहे हैं।
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