'कानून से काम करिए नहीं तो...' BJP सांसद के अफसरों पर ट्वीट से झारखंड में गरमाई सियासत
रांची, 30 मई। बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे के एक ट्वीट पर झारखंड की सियासत गरमा गई है। ट्वीट झारखंड की सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा को इतना नागवार गुजरा कि उसने इसे राज्य की अफसरशाही को धमकाने की कोशिश बताया है। दरअसल ये पूरा मामला शुरू हुआ था पश्चिम बंगाल से जिसकी गर्माहट अब झारखंड तक पहुंच गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों यास चक्रवात से हुई तबाही का जायजा लेने पश्चिम बंगाल पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने कलाईकंडा एयरबेस पर एक बैठक बुलाई थी जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी शामिल होना था लेकिन वह शामिल नहीं हुईं। इसके बाद केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को अल्पन बंदोपाध्याय को दिल्ली बुला लिया।
इसी बात पर बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर झारखंड के अधिकारियों को भी नसीहत दे डाली।
बीजेपी
सांसद
का
ट्वीट
बीजेपी
सांसद
ने
एक
ट्वीट
किया
जिसमें
उन्होंने
राज्य
सरकार
के
कुछ
अधिकारियों
का
उपनाम
लेते
हुए
उन
पर
कानून
के
बजाय
मुख्यमंत्री
के
इशारे
पर
काम
करने
का
आरोप
लगा
दिया।
दूबे ने लिखा कि "मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों अलटा जी,पलटा जी,भजन जी,अच्छा जी,कच्चा जी,ईजी,ऊची सबके लिए सबक़। क़ानून के अनुसार चलिए,क़ानून सम्मत काम करिए नहीं तो दिल्ली पोस्टिंग का इंतज़ार करिए।" इस ट्वीट में उन्होंने झारखंड पुलिस को भी टैग किया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों अलटा जी,पलटा जी,भजन जी,अच्छा जी,कच्चा जी,ईजी,ऊची सबके लिए सबक़ ।क़ानून के अनुसार चलिए,क़ानून सम्मत काम करिए नहीं तो दिल्ली पोस्टिंग का इंतज़ार करिए @JharkhandPolice https://t.co/XQGMXVpFC9
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 28, 2021
बीजेपी
सांसद
के
ट्वीट
पर
भड़की
जेएमएम
जाहिर
है
इस
ट्वीट
में
बीजेपी
सांसद
साफ
कह
रहे
हैं
कि
अगर
अधिकारी
सही
नहीं
चले
तो
उनकी
पोस्टिंग
दिल्ली
हो
सकती
है।
बस
क्या
था
निशिकांत
दूबे
के
इस
ट्वीट
पर
झारखंड
मुक्ति
मोर्चा
और
सहयोगी
कांग्रेस
भड़क
गई
हैं।
'ममता बनर्जी घमंडी', केंद्र ने कहा- PM Modi को आधे घंटे कराया इंतजार, बैठक छोड़कर गईं
जेएमएम के प्रवक्ता और पार्टी के केंद्रीय महासचिव ने इसे कार्यपालिका को खुली चुनौती बताया है। उन्होंने दूबे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने राज्य के अधिकारियों को खुलेआम धमकी करने को लेकर कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की बात कही है।