Video: जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर खूनी नाले के पास टूटकर गिरा पहाड़, एक दिन पहले धंस गई थी टनल
नई दिल्ली, 20 मई। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन के मेकरकोट क्षेत्र में एक टलन का हिस्सा अचानक टूट जाने से उसके मलबे में कई लोग दब गए। 2 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। घटना स्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। टलन के मलबे में अब भी 9 लोगों के अब भी फंसे होने की आशंका है।
टनल में फंसे 9लोग
रामबन और रामसू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग टनल हादसे के बाद गुरुवार की आधी रात को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। घटना मेकरकोट इलाके में शुक्रवार देर रात हुई। बताया गया कि निर्माणाधीन सुरंग के ढहन के साथ टलन का निरीक्षण करने गए करीब 12 लोग फंस गए। रेस्क्यू ऑरेशन में 3 को बाहर निकाला गया है। जबकि 9 अब भी टनल के मलबे में फंसे हैं।
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2 का रेस्क्यू , 1 की मौत
रामबन के उपायुक्त मस्सारतुल इस्लाम ने बताया कि ऐसा होनी की कोई उम्मीद नहीं थी। हादसे में दो मशीनें फंस गईं। आंधी तूफान के कारण बचाव अभियान प्रभावित हुआ। हादसे के बाद करीब 16-17 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावि हुआ। घटना को लेकर जांच की जा रही है। टनल से रेस्क्यू किए गए तीन लोगों में से एक की मौत हो गई जबकि दो को बचा लिया गया है।
9 श्रमिक अब भी टनल में दबे
टनल
के
मलेब
में
9
श्रमिक
अभी
भी
फंसे
हुए
हैं।
लेकिन
अब
उनके
बचने
की
संभावना
कम
है।
अधिकारियों
ने
कहा
कि
हादसे
हुए
कई
घंटे
का
समय
बीच
चुका
है।
हलांकि
रेस्क्यू
ऑपरेशन
जारी
है।
पीटीआई
ने
एक
वरिष्ठ
अधिकारी
के
हवाले
से
कहा
है
कि
गुरुवार
रात
करीब
10:15
बजे
रामबन
में
खूनी
नाला
के
पास
राजमार्ग
पर
टनल
टी-3
की
ऑडिट
की
जा
रही
थी।
इस
दौरान
हादसा
हो
गया।
हादसे
में
करीब
11
से
12
मजदूर
टनल
के
मलबे
में
दब
गए।
रेस्क्यू अभियान जारी
रामबन और रामसू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार आधी राता से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। मलबे में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए रॉक ब्रेकर का इस्तेमाल किया जा रहा था। जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जम्मू क्षेत्र, मुकेश सिंह ने घटना स्थल का दौरा किया।
केंद्रीय मंत्री हादसे को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सुरंग हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वहीं जम्मू के संभागीय आयुक्त श्री कुमार ने रेस्क्यू ऑपरेशन में अधिक वक्त लगने की संभावना व्यक्त की है। अधिकारियों का दावार है कि ऑडिट सुरंग केवल तीन से चार मीटर है लेकिन ये ज्ञात नहीं है कि लोग कहां फंसे हैं। हादसे के बाद चारों ओर मलबा फैल गया है।