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J&K: अब हम भी मजे लेंगे...रामबन के कडोला गांव में पहली बार खुशियों की बहार

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श्रीनगर, 14 जुलाई: जम्मू-कश्मीर के एक दूर-दराज पहाड़ी गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। अपने जीवन में आए इस बदलाव से गांव वालों को लगता है कि अब उन्हें भी अपनी आगे की जिंदगी खुशी से जीने का मौका मिला है। वो उन सारी सुविधाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जो अबतक उनके लिए सिर्फ सुनने की बातें होती थीं। कोई अपने बच्चों की ऑनलाइन क्लास की संभावना से उत्साहित है तो कोई टीवी लगाकर दुनियाभर की बातों से वाकिफ होना चाहता है। इन ग्रामीणों की अभी तक की तकलीफ का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह उजाले के लिए परंपरागत साधनों के इस्तेमाल के लिए तो मजबूर थे ही, मोबाइल रिचार्ज के लिए भी उन्हें 12 किलोमीटर पहाड़ी रास्ता तय करना पड़ता था। एक ही झटके में अब ये सारी सुविधा उनके घरों तक पहुंच गई हैं।

अब हम भी मजे लेंगे...

अब हम भी मजे लेंगे...

जम्मू कश्मीर के रामबन जिले के कडोला गांव में पहली बार बिजली की बत्ती जली है। यह वहां का आखिरी गांव था, जहां तक बिजली नहीं पहुंची थी। वहां केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंची है। अपने घरों में बिजली का बल्ब जलने से स्थानीय लोगों में खुशी का जो माहौल है उसे वो खुलकर जाहिर कर रहे हैं। एक स्थानीय ग्रामीण सद्दाम हुसैन ने कहा है, "हमें बहुत-बहुत खुशी है। फेफड़े खराब हो जाते थे। आंखें खराब हो जाती थीं। हमारे कमरे और कपड़े खराब हो जाते थे। आज लाइट आई तो हमें बड़ी खुशी है इस लाइट की। हमें तो नई जिंदगी आई है...हम अब टीवी लाएंगे...हम भी मजे लेंगे...... मोबाइल फोन, टेलीविजन और दूसरे बिजली के उपकरणों का और हमारे बच्चे भी ऑनलाइन क्लास कर सकेंगे।। "

12 किलोमीटर चलकर मोबाइल चार्ज करते थे

12 किलोमीटर चलकर मोबाइल चार्ज करते थे

कडोला 25 घरों वाला पहाड़ी गांव है। आज सभी घरों में बिजली की बत्ती जलने लगी है। लोगों को राहत इस बात की है कि अब उन्हें उजाले के लिए न तो लकड़ियां जलाई पड़ेंगी और ना ही लैंप जलाने होंगे। जम्मू-कश्मीर के लदाधर माउंटेन रेंज की एक चोटी पर बसा यह गांव मेन रामबन बस स्टैंड से 12 किलोमीटर दूर है, लेकिन यहां के लोग अबतक बिजली की बातें दूसरों की जुबानी ही सुनते थे या शहर जाने पर ही उसे महसूस कर पाते थे। मोहम्मद इकबाल नाम के एक ग्रामीण ने कहा कि 'हमें पहली बार बिजली मिली है। हमारे बच्चे पढ़ नहीं पाते थे। मोबाइल चार्ज करने के लिए भी हमें रामबन शहर जाना होता था। '

बगैर बिजली बड़ी परेशानी में थे लोग- इंजीनियर

बगैर बिजली बड़ी परेशानी में थे लोग- इंजीनियर

जम्मू पावर डिस्ट्रिब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर निसार हुसैन ने बताया है कि वहां बीते 7 जुलाई को ही सभी 25 घरों में बिजली पहुंची है। उनके मुताबिक गांव तक बिजली पहुंचाने का काम 2018 में ही शुरू हुआ था। वो बोले- 'जब मैंने ज्वाइन किया था तो लोग बहुत ही परेशानी में थे। मैंने अपने आंतरिक स्रोतों का इस्तेमाल करके यह काम पूरा करवाया है।'

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हम प्रशासन के शुक्रगुजार हैं-स्थानीय

हम प्रशासन के शुक्रगुजार हैं-स्थानीय

पहाड़ पर बसे होने के चलते कडोला तक बिजली पहुंचाने का काम आसान नहीं था। 3 किलोमीटर तक हाई टेंशन वायर का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 69 पोल लगाए गए हैं। 2.8 किलोमीटर लो टेंशन वायर के लिए 50 पोल का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 25 केवी का एक ट्रांसफॉर्मर भी लगा है, जिसपर सौभाग्य योजना के तहत 28.64 लाख रुपये की लागत आई है। एक और गांव वाले ने कहा कि 'बिजली पहुंचाने के लिए हम प्रशासन के शुक्रगुजार हैं। पहले हम उजाले के लिए दीली (परंपरागत लैंप) पर पर निर्भर थे, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती थीं।'

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English summary
Electricity reached a village in Ramban district of Jammu and Kashmir for the first time, people have increased hope of improving their lives
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