Farooq Abdullah लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी पर बोले, इनके बिना JK में विकास भी संभव नहीं
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि जब तक लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी नहीं दी जाती, तब तक जम्मू-कश्मीर का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने मानवाधिकार और इंसानी गरिमा पर जोर दिया।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री Farooq Abdullah राजनीतिक दल- नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी हैं। रविवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के सर्वांगीण विकास का विचार तब तक सपना ही बना रहेगा जब तक कि उनके बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी और सम्मान नहीं किया जाता।
अब्दुल्ला ने कहा कि मानवाधिकार किसी भी इंसान के लिए सबसे जरूरी तत्व हैं। हर इंसान की गरिमा में निहित मानवाधिकार की रक्षा होनी चाहिए। श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर अपने संदेश में कहा, "सत्तारूढ़ सरकार जम्मू-कश्मीर का इस्तेमाल राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक सीढ़ी चढ़ने के लिए कर रही है, जिसकी जमीनी हकीकत से पुष्टि नहीं होती।"
उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं को नौकरी देना तो दूर, जम्मू-कश्मीर के मामलों पर सीधे नियंत्रण रखने वाली केंद्र सरकार ने सैकड़ों नियोजित युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उन्होंने कहा, "एक भी चयन प्रक्रिया ऐसी नहीं है जिसमें किसी घोटाले का आरोप न लगा हो। बकौल फारूक अब्दुल्ला, हमारे सरकारी कर्मचारी जबरदस्त दबाव में काम कर रहे हैं। इस सरकार ने श्रम अधिकारों का व्यापक अधिग्रहण किया है, जो हम सभी के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है। इस प्रवृत्ति पर अंकुश जरूरी है।
जम्मू-कश्मीर में प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़े सवाल पर फारूक अबुदुल्ला ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में, मजबूत शासन के लिए प्रेस की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है।