जम्मू-कश्मीर में शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटी, जोड़े गए कई नए नियम
जम्मू-कश्मीर के लोगों को अब नए शस्त्र लाइसेंस जारी होंगे। हालांकि इसके नियम पहले से ज्यादा कड़े कर दिए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को शस्त्र लाइसेंस को लेकर एक अहम फैसला लिया, जिसके तहत नए लाइसेंस पर लगे प्रतिबंध को पूरी तरह से हटा दिया गया। ये प्रतिबंध चार साल से ज्यादा वक्त से लागू था। अब जिलाधिकारी नियमानुसार योग्य लोगों को शस्त्र लाइसेंस जारी कर सकते हैं। हालांकि पहचान पत्र से जुड़े नियम में मामूली बदलाव किया गया है।
प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि वित्तायुक्त/अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, राज कुमार गोयल के आदेश संख्या 922 दिनांक 12.07.2018 के तहत शस्त्र लाइसेंस पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है। अब जिलाधिकारी तय नियमों के मुताबिक आवेदकों को लाइसेंस जारी कर सकते हैं। एक नई शर्त के मुताबिक जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन पर विचार करते समय आधार कार्ड लेना जरूरी होगा। इसके अलावा पुलिस वेरिफिकेशन आदि प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
फर्जी
तरीके
से
जारी
हुए
थे
लाइसेंस
आपको
बता
दें
कि
साल
2012
से
2016
के
बीच
जम्मू-कश्मीर
में
बल्क
हथियार
लाइसेंस
जारी
किए
गए।
इसमें
बहुत
से
लोग
लाइसेंस
बनवाकर
दूसरे
राज्यों
में
चले
गए।
बाद
में
सीबीआई
को
इसकी
जांच
का
जिम्मा
सौंपा
गया,
जिसके
तहत
कई
जगहों
पर
छापेमारी
हुई।
ये
नियम
भी
बदला
नए
नियम
के
मुताबिक
केंद्र
शासित
प्रदेश
में
सिर्फ
उसी
जिले
के
लिए
निवासी
को
लाइसेंस
जारी
किया
जाएगा।
किसी
आवेदक
के
निवास
क्षेत्र
का
पता
लगाने
के
लिए
पुलिस
से
एक
विशिष्ट
रिपोर्ट
ली
जाएगी।
इस
रिपोर्ट
के
आने
के
बाद
ही
जिलाधिकारी
लाइसेंस
जारी
करेंगे।
भारत में आम आदमी को कैसे मिलता है Arms का लाइसेंस, क्या हैं नियम?
लंबे
वक्त
से
लोग
कर
रहे
थे
इंतजार
करीब
चार
साल
से
आवेदन
बंद
होने
से
लोग
काफी
परेशान
थे।
साथ
ही
उन्होंने
कई
बार
सरकार
से
इस
पर
विचार
करने
की
मांग
की
थी।
उम्मीद
जताई
जा
रही
है
कि
प्रतिबंध
हटने
से
बड़ी
संख्या
में
लोग
आवेदन
करेंगे।
ऐसे
में
पुलिस-प्रशासन
पर
फाइलों
का
लोड
बढ़
जाएगा।
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