जालौन में मां को हाथ ठेले पर अस्पताल ले गया एक मजबूर बेटा, सीएचसी में है एम्बुलेंस की कमी
केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के तमाम दावे करती हों परन्तु समय समय पर स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाली तस्वीरें व वीडियो सामने आते ही रहते हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन के कालपी नगर का है, जहाँ समय से एम्बुलेंस के ना पहुँचने के कारण एम्बुलेंस सेवा से विश्वास उठने के बाद एक मजबूर बेटा अपनी मां को बीमार व चोटिल अवस्था में हाथ ठेले पर बिठाकर सरकारी अस्पताल ले गया।
ठेले को धक्का देते हुए सीएचसी पहुंचे
मामला कालपी के मोहल्ला हरीगंज का बताया जा रहा है। हरीगंज निवासी रफीक की वृद्ध मां राबिया सोमवार को घर में अचानक गश खाकर गिर गयीं। जिससे उनके पैरों में चोट आ गयी। जिसके बाद बेटे ने आनन फानन में एम्बुलेंस का सहारा लेने के बजाय हाथ ठेले पर मां को बिठाया और हाथ ठेले को धक्का देते हुए सीएचसी कालपी ले गया। जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने हाथ ठेले से मरीज को आते देख तत्काल स्ट्रेचर मंगवाकर स्ट्रेचर की मदद से उन्हें अस्पताल ले गए व उनका उपचार किया गया।
'बहन को भी ऐसे ही लाना पड़ा था'
हाथ ठेले से अपनी वृद्ध मां को सीएचसी लेकर आये मोहल्ला हरीगंज निवासी रफीक ने बताया कि पूर्व में उसकी बहन की तबियत अचानक से बिगड़ गयी थी तब एम्बुलेंस को कॉल किया गया था परन्तु एम्बुलेंस 2 घण्टे बाद मौके पर पहुँची थी, तब तक उसे अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था, समय पर एम्बुलेंस के ना पहुँचने के कारण ही एम्बुलेंस सेवा से पूरी तरह विश्वास उठ चुका है, जिस कारण मां को हाथ ठेले से अस्पताल लाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
'मुमकिन है कि सुबह से शाम तक भी ना पहुँचे एम्बुलेंस'
उत्तर प्रदेश के जालौन में सीएचसी कालपी के चिकित्साधीक्षक डॉक्टर उदय कुमार ने बताया कि उक्त मामला मेरे संज्ञान में नहीं है व एम्बुलेंस सेवा के लिए सीएचसी उत्तरदायी नहीं है, 108 नम्बर पर कॉल करने पर ही एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध होती है, यह सेवा लखनऊ से संचालित है। कालपी क्षेत्र काफी बड़ा क्षेत्र है, सीएचसी के लिए मरीजों को लाने, ले जाने हेतु मात्र दो एम्बुलेंस उपलब्ध हैं, जो पहले कॉल करता है उसके पास पहले एम्बुलेंस पहुँचती है अतः मुमकिन है कि कभी कभी रनिंग पर या खराब होने की स्थिति में सुबह से शाम तक एम्बुलेंस ना पहुँचे।
क्या है 108 एम्बुलेंस सेवा?
उत्तर प्रदेश में 14 सितंबर 2012 को 108 एम्बुलेंस सेवा (समाजवादी स्वास्थ्य सेवा ) शुरू हुई थी। प्रदेश में इनका संचालन जीवीके एमआरआई संस्था द्वारा किया जा रहा है। 108 का इस्तेमाल चिकित्सा, पुलिस और आग से सम्बंधित आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है। ये एक निशुल्क सेवा है जो 24*7 जनहित के लिए उपलब्ध है। 108 नंबर को किसी भी फोन से डायल किया जा सकता है। ये नंबर समाज के सभी वर्ग के लिए है। किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर, तेज पेट दर्द होने पर, सांस में दिक्कत होने पर, दिल का दौरा पड़ने पर, जानवरों के काटने पर, अचानक बेहोश होने पर, किसी तरह के कोई अपराध होने पर या जब आग लगने पर फायर बिग्रेड और एम्बुलेंस की आवश्यकता हो, हर तरह की इमरजेंसी स्थिति में 108 पर कॉल किया जा सकता है।
जालौन: तेज रफ्तार ट्रक ने बोलेरो में मारी टक्कर, 4 यात्रियों की हुई दर्दनाक मौत, कई घायल