राजस्थान में टोमैटो फ्लू की दस्तक, अपने बच्चों को ऐसे रखें महफूज
जयपुर, 9 सितंबर। कोरोना और मंकीपॉक्स जैसे वायरस से जूझ रहे राजस्थान में टोमैटो फ्लू ने दस्तक दे दी है। बच्चों में तेजी से फैलने वाले हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज टोमैटो फ्लू के मरीज प्रदेश में तेजी से बढ़ने लगे हैं। देश के कई हिस्सों में टोमैटो फ्लू के मरीज मिलने के बाद केंद्र ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है। राजस्थान में भी चिकित्सा विभाग इसे लेकर अलर्ट मोड में आ गया है।
देश के कई राज्यों में असर
राजस्थान के जयपुर और कोटा सहित कई जिलों में टोमैटो फ्लू के मरीज मिले हैं। इस संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने चिकित्सा महकमे को अभी तक किसी तरह के कोई निर्देश नहीं दिए हैं। इस संक्रमण के बच्चों में फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। टोमैटो फ्लू का असर देश के केरल, हरियाणा, तमिलनाडु, उड़ीसा और दिल्ली में दिखा है। केरल में पिछले दिनों पहली बार इस वायरस का मामला सामने आया था।
बच्चों में संक्रमण का ज्यादा खतरा
टोमैटो फ्लू का सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा बच्चों में देखने को मिल रहा है। यह बीमारी आमतौर पर स्कूल जाने वाले बच्चों में दिखाई दे रही है। हालांकि इसका असर नवजात और कम उम्र के बच्चों पर भी पड़ रहा है। बच्चों के नैपकिन इस्तेमाल करने, गंदी सतह को छूने, चीजों को सीधे मुंह में डालने से यह संक्रमण होता है। इसमें मरीज को 5 से 7 दिन आइसोलेट किया जाता है। ताकि संक्रमण अन्य लोगों में नहीं फैले।
क्या है टोमैटो फ्लू के लक्षण
टोमैटो फ्लू को लेकर अभी तक जो लक्षण सामने आए हैं। उनमें मरीज को तेज बुखार, बड़े फफोले, टमाटर जैसे चकत्ते, त्वचा में खराश, निर्जलीकरण, शरीर में दर्द, जोड़ों में सूजन, जी मिचलना, पेट में ऐठन होना, थकान होना, सामान्य से ज्यादा खासना जैसे लक्षण सामने आए हैं। 5 वर्ष के आसपास की उम्र के बच्चों में ऐसे लक्षण आने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
संक्रामक बीमारी है टोमैटो फ्लू
टोमैटो फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। यह अन्य संक्रामक रोगों की तरह ही व्यवहार करता है। इसे छूत की बीमारी भी कहा जा सकता है। जो अन्य लोगों को छूने से फैलती है। ऐसे में मरीज के परिजनों को भी एहतियात बरतने की जरूरत है। अगर परिवार में कोई व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित है तो उसे लेकर एहतियात बरतें ताकि संक्रमण नहीं फैल पाए।
क्या है टोमैटो फ्लू का उपचार
टोमैटो फ्लू सामान्य वायरस जैसी संक्रामक बीमारी पिछले कुछ दिनों में इसके केस बढे हैं। इसके इलाज के लिए अभी कोई विशेष तरह की दवा नहीं बनी है। लक्षणों के आधार पर ही इसका इलाज किया जा रहा है। इस संक्रामक रोग को लेकर अभी कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। इसका उपचार सामान्य दवाओं से किया जाता है। मरीज को 5 से 7 दिन आइसोलेट किया जाता है। हालांकि चीन के पास इसकी वैक्सीन होने का दावा किया गया है।
टोमैटो फ्लू का टमाटर से संबंध
टोमैटो फ्लू का टमाटर से कोई रिश्ता नहीं है। इस बीमारी में मरीज के शरीर पर टमाटर जैसे लाल चकत्ते निशान पड़ने लग जाते हैं। टोमैटो फ्लू का नाम आते ही लोग इसे टमाटर से जोड़ने लग जाते हैं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। शरीर पर लाल निशान हो जाने की वजह से इस संक्रमण का नाम टोमैटो फ्लू रखा गया है।