खेल मंत्री अशोक चांदना के ट्वीट ने बढ़ा दी सियासी हलचल, प्रदेश-केंद्र के नेताओं ने क्या कहा?
जयपुर, 27 मई। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना के ट्वीट के बाद सियासी हलचल बढ़ गई है। प्रदेश से लेकर केंद्र तक के पक्ष-विपक्ष के नेता एक्टिव हो गए हैं। अशोक चांदना ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है कि मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री हैं'
Recommended Video
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट करके कहां कि 'लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे युवा द्वारा ये शब्द कहना कांग्रेस सरकार को सामंतवादी साबित करता है। युवा मामलों के मंत्री यदि जलालत का अनुभव कर रहे हैं तब राज्य के युवाओं का सोचिए?'
कौन हैं MLA अशोक चांदना जो बोले-'जलालत भरे मंत्री पद से हटाकर IAS कुलदीप रांका को दे दो चार्ज'
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 'अशोक चांदना यूथ आइकॉन के रूप में काम करते हैं और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। एग्रेसिव लीडर हैं। कई बार ऐसे टकराव हो जाते हैं। यह चांदना की स्टाइल है। उसका सम्मान होना चाहिए और सॉल्यूशन होना चाहिए। उन्होंने जो इश्यू उठाये हैं वो खुद चीफ मिनिस्टर भी समझते हैं।'
प्रियंका गांधी के नजदीकी और सचिन पायलट समर्थक नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने चांदना के इस्तीफे की पेशकश पर लिखा कि 'ख़राबी इंजन में है और आप डिब्बे बदलने की बात कर रहे हो।' माना जा रहा है कि आचार्य प्रमोद ने इशारों में ही गहलोत को हटाने का मुद्दा छेड़ दिया है। खराब इंजन का जिक्र करके उन्होंने सरकार के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं।
धीरज गुर्जर ने लिखा कि 'राजस्थान में सच बोलना पाप है प्रभु आचार्य प्रमेाद ने इससे पहले धीरज गुर्जर के अफसरशाही पर सरकार को बर्बाद करने के आरोपों वाले ट्वीट पर जवाब देते हुए राजस्थान सरकार को निशाने पर लिया था।
इस मामले में राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की भी प्रतिक्रिया सामने आई। पूनिया ने लिखा कि 'जहाज डूब रहा है... 2023 के रुझान आने शुरू।' वहीं, भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 'कांग्रेस के चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा, रामलाल मीणा, राजेन्द्र बिधूडी के बाद अब मंत्री अशोक चांदना जी का मुखिया के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजाना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस के डूबते जहाज में कोई भी नहीं रहना चाहता।