कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह में पायलट की गैर मौजूदगी, क्या अभी भी गहलोत से मनमुटाव है?
जयपुर। कांग्रेस ने हाल ही अपना 136वां स्थापना दिवस समारोह मनाया है। कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली में हुए समारोह में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है। उसी तर्ज पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट का शिरकत नहीं करना भी सुर्खियों में है।
सात साल में पहला मौका
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि बीते सात साल में यह पहला मौका है जब सचिन पायलट पीसीसी कार्यालय में 28 दिसम्बर को आयोजित कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए हैं। जबकि कार्यक्रम में राजस्थान सीएम अशोक गहलोत मौजूद रहे। वर्ष 2014 के बाद यह वो पहला अवसर भी है जब पायलट प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं हैं।
गहलोत-पायलट हुए थे आमने-सामने
पिछले दिनों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बीते दिनों खींचतान जगजाहिर हुई थी। सचिन पायलट ने अपने गुट के विधायकों की हरियाणा के होटल में बाड़ाबंदी की। वहीं, अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने खुलकर सचिन पायलट पर उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया और अपने समर्थक विधायकों को जयपुर व जैसलमेर के होटलों में बंद रखा।
पायलट की हो गई थी सुरक्षित लैडिंग
राजस्थान सियासी संकट 2020 में सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ वापस जयपुर लौट आए थे, मगर उनके इस कदम से उन्हें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा था। गोविंद डोटासरा नए प्रदेशाध्यक्ष बने थे। उस वक्त सचिन पायलट की सुरक्षित वापसी से राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जाने लगे थे कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट में फिर से बनने लगी है।
गैर मौजूदगी की वजह मान रहे सियासी संकट
अब कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह के दौरान राजस्थान पीसीसी कार्यालय में अशोक गहलोत की मौजूदगी और सचिन पायलट की गैर मौजूदगी फिर सुर्खियों में है। लोग पिछले दिनों हुए राजस्थान सियासी संकट से जोड़कर भी देख रहे हैं। यहां तक कह रहे हैं कि गहलोत और पायलट में अभी भी मनमुटाव है।
दिल्ली कार्यक्रम में की शिरकत
ऐसा नहीं है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह से ही दूरी बना ली। उन्होंने राजस्थान की बजाय दिल्ली में आयोजित समारोह में शिरकत की है। हालांकि यह जरूर देखने में आ रहा है कि बीते कुछ समय से सचिन पायलट जयपुर में पार्टी समारोहों में शामिल नहीं हो रहे हैं। वे दिल्ली में अधिकांश समय डेरा जमाए हुए रहते हैं। इसे बस राजस्थान कांग्रेस के अंदर उठे सियासी तूफान में एक ठहराव के रूप में ही देखा जा सकता है। खुद सचिन पायलट ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
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