Rajasthan के नागौर में जाट परिवार ने बाबुल बनकर उठाई वाल्मीकि समाज की बेटी की डोली, निभाई विवाह की रस्में
राजस्थान में जालौर जैसे हादसे ने प्रदेश को शर्मसार किया है। वहीं नागौर जिले में एक जाट परिवार ने वाल्मीकि समाज की बेटी का ब्याह रचाकर अनूठी मिसाल पेश की है।
Rajasthan में पिछले दिनों जालौर में दलित छात्र की पिटाई की मौत के बाद प्रदेश शर्मसार हुआ था। वही नागौर जिले से गौरवान्वित करने वाली खबर आ रही है। नागौर जिले के चाऊ गांव में 29 नवंबर को वाल्मीकि परिवार की बेटी पुष्पा की शादी का जिम्मा उठा कर जाट परिवार ने दलित बेटी की डोली को अपने घर से विदा किया। वाल्मीकि समाज की बेटी पुष्पा के माता पिता का निधन हो चुका है। उसकी शादी का जिम्मा गांव के देवाराम जाखड़ ने उठाया है। जाखड़ के परिवार ने न केवल पुष्पा की शादी का पूरा खर्च उठाया है। बल्कि उन्होंने खुद बाबुल बन कर पुष्पा के फेरे अपने आंगन में करवा कर उसकी डोली को विदा किया। शादी में जो भी रस में जाट परिवार में निभाई जाती है। उन्हें देव जी ने पूरा किया। देवाराम ने पुष्पा की शादी का कार्ड भी छपाया। उसमें विवाह समारोह स्थल के तौर पर उनके घर का नाम जाखड़ सदन लिखवाया गया है। इसके लिए उन्होंने वर वधू पक्ष से पहले ही अनुमति ले ली। वह चाहते तो इस विवाह के लिए पैसे देकर दूर हो सकते थे। लेकिन उनकी मंशा थी कि जब परिवर्तन करना ही है तो फिर जाति, धर्म, नस्ल का भेद मिटाकर हमें सही रूप से शिक्षित होने का परिचय देना होगा। कार्ड में ज्योतिबा फुले, डॉ. भीमराव अंबेडकर, बिरसा मुंडा, भगत सिंह, कार्ल मार्क्स, सर छोटूराम के संदेश लिखवाए गए हैं।
कृषि का कार्य करते हैं देवाराम, बेटे हैं सरकारी सेवा में
देवाराम जाखड़ के दो बेटे हैं। दोनों सरकारी सेवा में है। एक बेटा सीआरपीएफ में है और दूसरा बेटा एयरफोर्स में है। देवाराम पहले प्राइवेट जॉब करते थे। अब खेती करते हैं। इनकी पत्नी संतोष आंगनबाड़ी केंद्र में काम करती है। बेटी पढ़ाई कर रही है। इस शिक्षित परिवार ने सच में शिक्षित होने का उदाहरण पेश किया है।
बाप बन कर किया बेटी को विदा
देवाराम जाखड़ और उनकी पत्नी ने पुष्पा के माता-पिता के तौर पर विवाह की सारी रस्में निभाई। जाखड़ के घर के आंगन में पुष्पा का विवाह रचाया गया। उन्होंने जातिभेद को खत्म करते हुए अपने घर के आंगन में दूल्हे की घोड़ी पर बारात निकालकर तोरण की रस्म अदायगी की। विवाह समारोह में 500 लोगों का सामूहिक भोज भी किया गया। पुष्पा का विवाह डीडवाना के पास के एक गांव में किया गया है। विवाह के साथ ही पुष्पा को जाखड़ परिवार ने जरूरत की चीजों के साथ 51 हजार रुपए की एफडी दी है।
मां 5 साल पहले गुजर गई, 4 महीने पहले पिता चल बसे
पुष्पा की मां का देहांत 5 साल पहले हो गया। अभी 4 महीने पहले पुष्पा के सिर से पिता का साया भी उठ गया। उसकी मानसिक रूप से विक्षिप्त दादी है और छोटे भाई बहन है। गांव के ही रघुवीर झाड़ीसरा ने बताया कि पुष्पा के भाई का विवाह भी सभी गांव वालों ने मिलकर किया था। अब जाखड़ परिवार ने पुष्पा के विवाह की जिम्मेदारी ली।
समाज में भेदभाव को खत्म कर सकारात्मक संदेश देने की कोशिश
रघुवीर झाड़ीसरा बताते हैं कि समाज में जाति पांति, ऊंच-नीच, भेदभाव का माहौल खत्म कर। ऐसे आयोजनों के जरिए सकारात्मक संदेश देने की जरूरत है। पिछले दिनों जालौर में जो घटना घटित हुई उससे राजस्थान शर्मसार हुआ है। किसी भी जरूरतमंद की मदद करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। झाड़ीसरा ने बताया कि पुष्पा के विवाह के लिए 20 गांव के लोगों ने आगे बढ़कर सहयोग किया है।