लॉकडाउन में राहत : श्रमिकों को उनके घर भेजने का खर्च उठाएगी राजस्थान सरकार
जयपुर। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में चार मई से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है। पहला लॉकडाउन 25 मार्च से 21 दिन के लिए था। फिर 14 अप्रैल से मई तक के लिए लॉकडाउन-2 लागू हुआ और अब 17 मई तक के लिए लॉकडाउन-3 चल रहा है।
लॉकडाउन के चलते लाखों मजदूर कहीं ना कहीं फंसे हुए हैं। राजस्थान में करीब 15 लाख मजदूरों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। इनमें से चार लाख मजदूर दूसरे राज्यों से हैं। राजस्थान से मजदूरों को विशेष ट्रेनों से उनके राज्यों में पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया है। एक मई की रात को जयपुर रेलवे स्टेशन से बिहार के 12 सौ श्रमिकों को लेकर विशेष ट्रेन पटना के लिए रवाना हुई।
उस समय श्रमिकों की घर वापसी अपने खर्चे पर हुई थी, मगर अब लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की घर वापसी के लिए रेल और बस किराए का खर्च गहलोत सरकार उठाएगी। वहीं, राजस्थान रोडवेज की बसों से जिन श्रमिकों को लाया जाएगा। उसका किराया भी सरकार नहीं लेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश के बाद सीएम अशोक गहलोत ने यह फैसला लिया है। सीएम गहलोत ने ट्वीट करके इस फैसले की जानकारी दी। सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को कलेक्टर्स और एसपी के साथ करीब साढ़े तीन घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद इस फैसले की घोषणा की।
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