नरम पड़े गहलोत गुट के तेवर, मंत्री खाचरियावास बोले-केंद्रीय पर्यवेक्षकों को इतनी जल्दी नाराज नहीं होना चाहिए
जयपुर, 27 सितम्बर। राजस्थान कांग्रेस सियासी संकट 2022 में मंत्री शांति धारीवाल व प्रतापसिंह खाचरियावास खुलकर सीएम अशोक गहलोत का समर्थन कर रहे हैं। इन पर दिल्ली से भेजे गए पर्यवेक्षकों के साथ विधायक दल की बैठक करने की बजाय शांति धारीवाल के घर पर बैठक किए जाने के कारण अनुशासनहीनता के आरोप भी लग रहे हैं। इन पर प्रताप सिंह खाचरियावास का बयान सामने आया है।
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों को इतनी जल्दी नाराज नहीं होना चाहिए। उन्हें थोड़ी देर इंतजार करना चाहिए था। हम अपने ही लोगों से लड़ना नहीं चाहते। अगर शांति धारीवाल जैसे वरिष्ठ नेता ने मुद्दे उठाए हैं तो पार्टी को उन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि माहौल बनाया गया कि सीएम 19 विधायकों के हिसाब से बने, 102 विधायकों के हिसाब से नहीं। अशोक गहलोत का अध्यक्ष के लिए नामांकन का फैसला सोनिया गांधी पर है।
प्रतापसिंह खाचरियावास राजस्थान सियासी संकट 2020 पर भी बोले। उन्होंने कहा कि साल 2020 में मानेसर जाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए थी। राजस्थान कांग्रेस विधायक सोनिया गांधी के फैसले को मानने को तैयार हैं। दिल्ली मीडिया के जरिए धारणा बनाकर पीएम या सीएम की कुर्सी पर कब्जा नहीं किया जा सकता। इसके लिए संघर्ष करना होगा।
अशोक गहलोत गुट से UDH मंत्री Shanti Dhariwal का Video वायरल, लगा रहे 'सचिन पायलट जिंदाबाद' के नारे
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत के कांग्रेस राष्ट्रीय चुनाव 2022 में प्रत्याशी बनने की चर्चाओं के बीच राजस्थान के अगले सीएम के नाम पर घमासान हो गया। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में दिल्ली से अजय माकन व मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा। ये दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक सीएम अशोक गहलोत से बात कर शाम सात बजे सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक कर कांग्रेस के सभी विधायकों से राय शुमारी करना चाहते थे, मगर गहलोत गुट के विधायकों ने शांति धारीवाल के घर बैठक कर इस्तीफे देने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास पहुंच गए। इससे बात नहीं बनी और पर्यवेक्षक मामले को निपटाए बिना ही दिल्ली लौट गए।
दिल्ली आकर पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया। फिर मीडिया से बातचीत में अजय माकन ने कहा कि अशोक गहलोत गुट के विधायकों ने अनुशासनहीनता की है। उन्होंने अपन मांगें भी रखी कि सीएम पद से अशोक गहलोत का इस्तीफा चुनाव जीतने के बाद हो। सीएम उन 102 विधायकों में बनाया जाए जिन्होंने सियासी संकट 2020 में सरकार बचाने की कोशिश की।