Pink Panther : भारत में पहली बार राजस्थान के रणकपुरा में दिखा पिंक पैंथर, साउथ अफ्रीका के बाद दूसरा मामला
जयपुर, 31 अक्टूबर। राजस्थान के रणकपुर में पिंक पैंथर नजर आया है। यह भारतीय वन्यजीव इतिहास में पहला मामला है, क्योंकि दुर्लभ प्रजाति का पिंक पैंथर विश्व में भारत के रणकपुर से पहले सिर्फ साउथ अफ्रीका में ही देखा जा सका है।
रणकपुर अरावली क्षेत्र में दिखा पिंंक पैंथर
राजस्थान के पाली जिले में जवाई व कुंभलगढ़ के आस-पास रणकपुर अरावली क्षेत्र है। यहां की पहाड़ियों में पिंक पैंथर ( गुलाबी तेंदुआ ) की साइटिंग हुई है। इस तरह के पैंथर को स्ट्रॉबेरी पैंथर के नाम से भी जाना जाता है।
पिंक पैंथर सबसे पहले साउथ में नजर आया
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार साउथ अफ्रीका में साल 2012 और 2019 में स्ट्रॉबेरी पैंथर यानी पिंक वर्जन देखे जाने की पुष्टि हुई है। भारत में साल 1910 में व्हाइट पैंथर देखा गया था। उसके बाद से नॉर्मल और ब्लैक पैंथर ही देखने को मिल रहे थे। अब रणकपुर में पहली बार पिंक पैंथर दिखा है।
पैंथर का रंग आनुवांशिक गुणसूत्र के कारण बदला
भास्कर से बातचीत में पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सदस्य राकेश व्यास ने बताया कि भारत में पहली बार पिंंक पैंथर देखा जाना दुर्लभतम मामला है। पैंथर का रंग आनुवांशिक गुणसूत्र के कारण बदल जाता है।
2012 में सामने आई पिंक पैंथर की तस्वीर
वहीं, इस मामले में साउथ अफ्रीका के वन्यजीव एक्सपर्ट रिआना टर्नर कहते हैं कि पिंक पैंथर विश्व में दुर्लभ है। साल 2002 में यह दक्षिण अफ्रीका में देखा जा चुका है, जिसकी तस्वीर दस साल बाद यानी 2012 में सामने आई थी। दक्षिण अफ्रीका के उत्तर पश्चिम, लिम्पोपो और म्पुमलंगा प्रांतों में पिंक पैंथर देखे गए।
टूरिज्म के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण
स्ट्राइप्स एंड ग्रीन अर्थ फाउंडेशन कोलकाता के सेग्निक सेन गुप्ता की मानें तो भारत में अभी तक पिंक पैंथर नहीं देखा गया था। साउथ अफ्रीका के अलावा दुनियाभर में कहीं भी पिंथ पैंथर नजर नहीं आया था। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के डीन प्रो. वाईके झाला कहते हैं कि जेनेटिक वैरिएशन के कारण पैंथर का रंग पिंक हो जाता है, मगर ऐसा बहुल दुलर्भ है। यह टूरिज्म के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण है।
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