Rajasthan में अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही होगा अगला चुनाव, हाईकमान की अस्थिरता फैलाने वाले नेताओं को हिदायत
Rajasthan में अब किसी भी रुप में कोई बदलाव नहीं होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में ही पार्टी अगला चुनाव लड़ेगी। आलाकमान ने जोड़-तोड़ की कोशिश में लगे नेताओं को साफ कर दिया है कि अब कुछ नहीं होगा पंजाब जैसी गलती नहीं दोहराई जाएगी। मीडिया में चल रही कयासबाजियों को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा विराम लगा देगी। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा 5 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा यात्रा की अगुवाई करेंगे।
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अस्थिरता फैलाने वाले नेताओं को हाईकमान ने दी हिदायत
सूत्रों की माने तो मीडियाबाजी से अस्थिरता फैलाने वाले नेताओं को कांग्रेस हाईकमान ने सीधी हिदायत दे दी है कि भारत जोड़ों यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाकी 29 नवंबर को संगठन महासचिव का काम देख रहे केसी वेणुगोपाल और स्थिति स्पष्ट कर देंगे। सभी नेताओं को प्रदेश कांग्रेस के निर्देशों को मानना होगा। वेणुगोपाल सरकार के खिलाफ बयान बाजी कर रहे नेताओं को भी हिदायत दे सकते हैं। गत दिवस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आक्रामक इंटरव्यू पर 29 की बैठक में चर्चा के आसार कम ही हैं। क्योंकि पार्टी ने उस पर अपना बयान दे दिया है। पार्टी में इस बात की नाराजगी जरूर है कि जब यात्रा राजस्थान आ रही है तो सचिन पायलट मध्य प्रदेश क्यों गए। क्योंकि सबसे पहले पार्टी आलाकमान की तरफ से चुप रहने की एडवाइजरी का उल्लंघन खुद सचिन पायलट ने ही किया था और सचिन पायलट मध्यप्रदेश अपने खेमे के दो तीन विधायकों को भी साथ लेकर गए थे। सचिन चाहते थे कि राहुल गांधी के साथ उनके फोटो क्लिक हो जाए। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

वरिष्ठ युवा नेता को भेज सकते हैं उत्तर प्रदेश
राजस्थान में इस समय आधा दर्जन से ज्यादा नेता केंद्रीय संगठन मैं पद पर है। उनमें से कुछ की छुट्टी हो सकती है। उनकी जगह गहलोत सरकार को अस्थिर करने वाले नेताओं को दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी देकर राजस्थान की खींचतान को खत्म करने की कोशिश होगी। उस समय ही राजस्थान को स्थाई प्रभारी मिलेगा। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रभारी बदले जाएंगे। ऐसे संकेत हैं कि राजस्थान के किसी नेता को यूपी का प्रभाव सौंपा जा सकता है या प्रियंका गांधी के साथ उन्हें दूसरा प्रभारी बनाया जा सकता है। प्रियंका गांधी के शुरू में प्रभार संभालने के समय तक ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे वरिष्ठ नेता उनके साथ दूसरे प्रभारी लगाए गए थे। सिंधिया अब कांग्रेस छोड़ चुके है। ऐसे में किसी राजस्थान के वरिष्ठ युवा नेता को मौका मिल सकता है।

केसी वेणुगोपाल 29 को दे सकते हैं कड़े निर्देश
पार्टी का मानना है कि मीडिया के माध्यम से पार्टी को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जबकि यह तय हो चुका है कि प्रदेश के साथ अब कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। वेणुगोपाल 29 की बैठक में चुप रहने को और कड़े निर्देश दे सकते हैं। जहां तक प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी का सवाल है तो उसका फैसला मलिकार्जुन खड़गे जल्द कर देंगे। लेकिन यह तय हो गया है कि पार्टी आलाकमान राजस्थान में पंजाब वाली गलती किसी कीमत पर नहीं दोहराना चाहता है।

महाधिवेशन की तारीख 4 दिसंबर को तय होगी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 4 दिसंबर को संचालन समिति की बैठक बुलाई है। इसमें कांग्रेस के महाधिवेशन की तारीख संगठन में जिम्मेदारी, एआईसीसी, डेलीगेट चुनाव, संसद का शीतकालीन सत्र समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक के बाद यह पता चल जाएगा कि महाधिवेशन कब करना है। अधिवेशन में कार्य समिति सदस्यों के चुनाव की संभावना देख तैयारियां होगी। संकेत है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस का महाधिवेशन होगा।

अस्थिरता फैलाने वाले नेताओं पर कार्रवाई संभव
राहुल गांधी मलिकार्जुन खड़गे सहित सभी वरिष्ठ नेताओं के पास राजस्थान में फैलाई जा रही है। स्थिरता की जानकारी है। लेकिन भारत जोड़ो यात्रा और संगठन के पुनर्गठन के चलते अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में संकेत हैं कि अगले साल फरवरी में पार्टी का महाधिवेशन होगा। जिसमें नई कार्यसमिति का गठन होते ही एआईसीसी का पुनर्गठन किया जाएगा। उस समय राजस्थान में अस्थिरता फैलाने वाले नेताओं को लेकर फैसला हो जाएगा।