किसान आंदोलन : खेड़ा बॉर्डर पर राजस्थान सरकार करेगी मूलभूत सुविधाओं की देखरेख, नोडल अधिकारी नियुक्त
जयपुर। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर व साहबी फ्लाईओवर के समीप आंदोलित किसानों का धरना जारी है। खेड़ा बार्डर पर मूलभूत सुविधाओं की देखरेख के लिए राजस्थान के सीनियर आरएएस अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जबकि साहबी पुल के पड़ाव में प्रशासन की ओर से कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। सफाई से लेकर प्राथमिक उपचार तक के लिए किसानों ने स्वयं व्यवस्था की है। इसके साथ ही सरकार के साथ आठवें दौर की वार्ता विफल होने के बाद एक बार फिर किसानों ने दिल्ली कूच की तैयारी शुरू कर दी है।
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर व साहबी पुल के समीप राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात व हरियाणा के किसानों द्वारा क्रमश: 13 दिसंबर व 3 जनवरी से धरना दिया जा रहा है। दिल्ली कूच के लिए बैठे किसानों को हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग व अन्य तरीकों से हाईवे पर ही रोका हुआ है। वहीं, धरना स्थल पर किसानों को समर्थन देने के लिए राजनैतिक दलों के नेताओं से लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं।
जयपुर संभाग के आयुक्त ने किया खेड़ा बॉर्डर का दौरा
पिछले 26 दिन से खेड़ा बार्डर पर पड़ाव डाले किसानों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लेने के लिए जयपुर संभाग के आयुक्त पहुंचे। उन्होंने किसानों से बातचीत कर समस्या एवं सुविधाओं के बारे में जाना। इसके बाद सीनियर आरएएस अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया, जो यहां बिजली, पानी, शौचालय व मेडिकल सहित अन्य सुविधाओं का ध्यान रखेंगे।
गुजरात से पहुंचा किसानों का दल
शुक्रवार को करीब 150 से अधिक किसानों का दल खेड़ा बॉर्डर पहुंचा। किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका गुस्सा जायज है। सरकार को कृषि कानूनों को जल्द वापस लेना चाहिए। किसानों के आंदोलन के मद्देनजर मसानी बैराज फ्लाईओवर के नीचे कंटेनर आदि लगाने के बाद दोनों ओर से हाईवे को बंद कर दिया है। इससे दर्जनों वाहन जाम में फंसे हुए है। हालांकि सर्विस रोड शुरू कर दिए जाने के बाद वाहनों को निकाला गया है, लेकिन अभी भी दर्जनों वाहन जाम में फंसे हुए है।
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