जेल से रिहाई के बाद जयपुर पहुंचे डॉ. कफील खान, बोले-'यूपी की बजाय राजस्थान में हूं सेफ'
जयपुर। करीब आठ माह बाद उत्तर प्रदेश के मथुरा जेल से बाहर आए गोरखपुर के डॉ. कफील खान राजस्थान सरकार की शरण में हैं। वे अपनी रिहाई के दूसरे दिन जयपुर पहुंचे और आपबीती बताई। जयपुर में खान ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि 'प्रियंका गांधी ने मुझसे राजस्थान आने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि हम आपको सुरक्षित जगह देंगे।
यूपी में डॉ. खान की जान को खतरा
यूपी सरकार शायद कोई दूसरा केस लगा दे। डॉ. कफील खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी जिंदगी को खतरा है, इसलिए अब वे यूपी से थोड़ा दूर रहेंगे। डॉ. कफील खान ने यह भी कहा कि मथुरा राजस्थान बॉर्डर से लगा हुआ है। इसलिए जेल से छूटने के बाद मैं राजस्थान के जयपुर आ गया हूं।
डॉ. कफील खान ने बताई आपबीती, फिजिकली टॉर्चर भी हुआ
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हम यहां सुरक्षित रह सकते हैं। परिवार को भी ऐसा ही लग रहा है, क्योंकि, पिछले साढ़े सात महीने मेरा मेंटल हरेसमेंट हुआ। फिजिकली टॉर्चर भी किया। हर बार मुझसे यही कहा जाता था कि सरकार के खिलाफ मत बोलो। इसलिए चाहता हूं कि ऐसी जगह पर रहूं, जहां परिवार के साथ वक्त बीता सकूं।
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डॉ. कफील खान को मुंबई से किया था गिरफ्तार
बता दें कि बुधवार को ही डॉ. कफील खान जेल से रिहा हुए हैं। खान पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 13 दिसंबर 2019 को भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। यूपी पुलिस ने उन्हें जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था। बाद में अलीगढ़ कलेक्टर ने नफरत फैलाने के आरोप में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की। फरवरी में उन्हें फिर गिरफ्तार कर मथुरा जेल भेज दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें रिहा किया गया।
गोरखपुर ऑक्सीजन कांड के बाद आए थे चर्चा में
अगस्त 2017 को गोरखपुर ऑक्सीजन कांड हुआ था। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव में 1317 बच्चों ने दम तोड़ दिया था। उसी कांड के बाद वहां के डॉ. कफील खान भी चर्चा में आए थे। गोरखपुर ऑक्सीजन कांड को लेकर अब कफील खान ने कहा, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई तो मैंने व्यवस्था में कमियों का खुलासा करने की कोशिश की। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह अच्छा नहीं लगा और मेरे खिलाफ एक झूठा मुकदमा दर्ज कर मुझे जेल में डाल दिया गया।
सीएए को लेकर दिया था भाषण, फिर रासुका में गिरफ्तारी
गोरखपुर ऑक्सीजन कांड के बाद डॉ. कफील खान एक बार फिर उस वक्त चर्चा में आए जब इन्होंने पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भाषण दिया था। उस भाषण के बाद यूपी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कफील को गिरफ्तार कर जेल में डलवा दिया था। जनवरी 2020 से अगस्त 2020 तक जेल में रहे। मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत खान की गिरफ्तारी को अवैध बताया और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए। अदालत के आदेश के बाद खान को मंगलवार देर रात मधुरा की जेल से रिहा किया गया।
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