Narmada River: 300 मीटर के दायरे में कितने अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई, जबलपुर हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में अवैध कब्जों को लेकर दायर याचिका पर मप्र हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। नर्मदा तटों से लगे शहरों में नदी संबंधी गाइड लाइन का कितना पालन हो रहा है और कहां कहां कार्रवाई हुई, इस संबंध में कोर्ट ने सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी हैं। याचिका के संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा पेश की दलीलों को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने पूर्व में लगाईं गई रोक हटाने से इंकार कर दिया।
जीवन दायिनी पुण्य सलिला नर्मदा नदी किनारे अवैध कब्जे हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका की गई थी। जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दयोदय सेवा केंद्र की याचिका में कहा गया है कि नदी के तीन सौ मीटर के दायरे में बेजा अवैध कब्जे हैं। जिससे नदी प्रदूषित होने के साथ-साथ उसके आस्त्तिव पर पर संकट मंडरा सकता है। नदी संरक्षण कानून का हवाला देते नर्मदा किनारे ऐसे हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक और अवैध कब्जों को हटाने की मांग की गई थी। जबलपुर प्रशासन द्वारा काफी पहले इस संबंध में कार्रवाई भी की थी। नर्मदा घाटों के आसपास अतिक्रमण हटाने व्यापक अभियान चलाया गया था। जिसमें कुछ पक्षकारों से कोर्ट से मोहलत भी माँगी थी। पूर्व मंत्री भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे के एक निर्माण को भी चैलेंज किया गया था। एक अवमानना याचिका समेत अन्य तीन याचिकाएं भी दायर हैं।
पहले दिए गए कोर्ट के आदेश के बाद सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश की गई थी। बाद में अदालत ने पक्षकारों को सरकार की ओर से पेश जबाब की प्रति देने के भी निर्देश दिए थे। पूरे मप्र में नर्मदा के तटीय इलाकों में वर्तमान स्थिति क्या है और कितनी कार्रवाई हुई, इस सिलसिले में कोर्ट ने सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। फिलहाल पहले लगाईं गई रोक हटाने से अदालत ने इंकार कर दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में रखी गई है।