मप्र बालाघाट एनकाउंटर: नाट्य कलाकार और 4 भाषाओँ के जानकर बन गए थे, खूंखार नक्सली
मप्र में एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत मध्यप्रदेश समेत छतीसगढ़, महाराष्ट्र सीमा से लगे कंदला के जंगल में पुलिस-नक्सलियों में मुठभेड़ हुई थी। AK-47, थ्री नॉट थ्री, 12 बोर की एक्शन गन जैसे घातक हथियार से लैस नक्सलियों के मंसूब
बालाघाट, 21 जून: मप्र के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए तीन इनामी नक्सलियों की बेहद रोचक हिस्ट्री है। मुठभेड़ में मारे गए हथियारबंद नक्सलियों में महिला नक्सली रामे और मनोज दोनों नाट्य कलाकार रहे है, जबकि डिवीजन कमांडर नागेश चार भाषाएँ जानता था। तीनों के ऊपर 61 लाख का इनाम था और मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत महाराष्ट्र पुलिस को इनकी सरगर्मी से तलाश थी। एनकाउंटर के बाद पुलिस फ़ोर्स ने जब मारे गए नक्सलियों और उनके ठिकाने की तलाशी ली तो आधुनिक घातक हथियार बरामद हुए है। जिसके सहारे ये तीनों राज्यों की सीमाओं में आतंक का पर्याय बने थे।
एनकाउंटर से दलम विस्तार की उड़ी नींद !
मप्र में एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत मध्यप्रदेश समेत छतीसगढ़, महाराष्ट्र सीमा से लगे कंदला के जंगल में पुलिस-नक्सलियों में मुठभेड़ हुई थी। AK-47, थ्री नॉट थ्री, 12 बोर की एक्शन गन जैसे घातक हथियार से लैस नक्सलियों के मंसूबों का अंदाजा लगाया जा सकता है। वो तो गनीमत थी कि इस जंगल के पास लांजी की बहेला चौकी की हॉक फ़ोर्स को तीनों नक्सलियों के मूवमेंट की खबर लग गई। जिसके बाद फ़ोर्स ने अफसरों के साथ मिलकर जंगल को घेर लिया फिर प्लानिंग के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसमें पूरी टीम ने अपनी जान की बाजी लगाकर तीनों नक्सलियों को मार गिराया। पुलिस की माने तो मारे गए नक्सलियों की हिस्ट्री अलग तरह की है। इन नक्सल कमांडरो के एनकाउंटर से अब दलम विस्तार की नींद उड़ी मानी जा सकती है। क्योकि यह चर्चा आम रही है कि मप्र के मंडला, डिंडोरी और कान्हा के जंगलों में नक्सली न सिर्फ सक्रिय हो रहे है बल्कि यहाँ के जंगलों को अपना शेल्टर बनाने की फिराक में है।
छत्तीसगढ़ के सुकमा की एरिया कमांडर रामे
बालाघाट के कंदला के जंगलों में एनकाउंटर में ढेर हुई महिला नक्सली रामे एरिया कमांडर थी। आदिवासी गांवों में सरकार के अत्याचारों को नाटक के माध्यम से प्रदर्शन करने का रामे में अच्छा ख़ासा हुनर था। छत्तीसगढ़ के सुकमा की रहने वाली रामे ने बस्तर के जोनल कमांडर कबीर उर्फ़ सुरेन्द्र की गार्ड टीम का हाथ थामा था। वह इस टीम में चेतना नाट्य मंच के कलाकार के तौर पर अपना हुनर प्रदर्शित रही। रामे की शादी भी मलाजखंड दलम से जुड़े मंगेश नाम के नक्सली से हुई, वह भी एरिया कमांडर था। लेकिन 2019 में लांजी के पास पुजारी टोला में एक एनकाउंटर हुआ था, जिसमें मंगेश मारा गया था। बताया जाता है कि रामे पति की मौत का सदमा बर्दास्त नहीं कर पा रही थी और वह ज्यादा ही खूंखार हो गई थी।
रेड-एंबुश एक्सपर्ट नागेश 4 भाषाओँ का था जानकर
डिवीजन कमांडर नागेश भी एनकाउंटर में ढेर हुआ है। टीपागढ़ एरिया कमेटी से जुड़ने के बाद नागेश उर्फ़ राजू तुलावी की पहचान विजय के नाम से थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक गोंदिया-बालाघाट-राजनंदगांव की डिवीजन कमेटी में नागेश को आजमाया गया। यह रेड-एंबुश का एक्सपर्ट था और बड़ी नक्सली वारदातों में इसने जमकर तांडव मचाया। काबिलियत के हिसाब से फिर नागेश उर्फ़ विजय को साल 2018 में एरिया कमांडर बना दिया गया था। ख़ास बात यह है कि नागेश हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और गोंडी चारों भाषाएँ जानता था। भाषा के हिसाब से लोकल आदिवासियों को अपने पक्ष में शामिल कर लेता था। लोग जब इसे अलग-अलग भाषाओँ में बातचीत करता हुआ देखते थे, तो वह ज्यादा प्रभावित होते थे।
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