Jabalpur News: बंद करो बगैर फायर NOC वाले अस्पताल, एक्शन मोड में प्रशासन, दिए कई निर्देश
जबलपुर में प्राइवेट हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्नि हादसे के बाद प्रशासन लापरवाह अस्पतालों के खिलाफ सख्त होता जा रहा है। अस्पतालों में इलाज के लिए पहुँचने वाले मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी
जबलपुर, 03 अगस्त: न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद प्रशासन अब एक्शन मोड में है। बगैर फायर NOC वाले हॉस्पिटल में अब ताला लगाने की तैयारी कर ली गई है। 8 मौतों के लिए जिम्मेदार अस्पताल और उसके संचालकों पर जहाँ कार्रवाई हुई, वही अब जबलपुर जिले प्राइवेट अन्य अस्पतालों, नर्सिंग होम्स को चेतावनी दी गई है कि समय रहते वह अपनी सभी व्यवस्थाएं दुरस्त कर ले।
सारे काम छोड़कर दुरुस्त करो सभी व्यवस्थाएं
जबलपुर में प्राइवेट हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्नि हादसे के बाद प्रशासन लापरवाह अस्पतालों के खिलाफ सख्त होता जा रहा है। अस्पतालों में इलाज के लिए पहुँचने वाले मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने जिले के प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होम संचालकों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने संचालकों को अपनी संस्थानों में सुरक्षा के सभी इंतजामों को सुनिश्चित करने, नियमित अंतराल से फायर ड्रिल, फायर सेफ्टी आडिट कराने के निर्देश दिये गये हैं।
मापदंड पूरा न करने वाले हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द
अस्पताल संचालकों से कहा गया कि वे फायर अलार्म सिस्टम को दुरुस्त रखें, अग्निशमन यंत्रों तथा इलेक्ट्रिकल मशीनरी के उपकरणों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, अपने स्टॉफ को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल तथा राहत एवं बचाव कार्य का प्रशिक्षण भी दें। कलेक्टर ने दो टूक कहा है कि सुरक्षा के मामले में कोई भी समझौता बर्दास्त नहीं किया जाएगा। नियम विरुद्ध चल रहे अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा।
अग्निशमन यंत्रों और इलेक्ट्रिकल मशीनरी पर जोर
अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों व इलेक्ट्रिकल मशीनरी की गुणवत्ता के साथ-साथ तय समय पर फायर सेफ्टी, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आडिट भी कराना होगा। अग्निशमन यंत्रों के रखरखाव पर ध्यान दिये जाने की जरूरत बताई गई तथा नियमित रूप से मॉक ड्रिल आयोजित करने पर जोर दिया
सभी अनुमतियों के लिये सिंगल विण्डो सिस्टम की मांग
नगर निगम की ओर से भी फायर एनओसी प्राप्त करने और इसके लिये जरूरी औपचारिक्ताओं की जानकारी दी गई। प्रोविजनल, टेम्परेरी और परमानेंट फायर एनओसी क्यों जरुरी है, यह भी बताया गया है। बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी के मुद्दे पर चर्चा के साथ अस्पताल संचालकों ने भी अपनी कुछ मांगे रखी है। सभी तरह की अनुमतियों के लिये सिंगल विण्डो सिस्टम बनाने की जरूरत बताई गई।
बगैर NOC वाले अस्पतालों में लगेगा ताला
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि ऐसे निजी अस्पताल जिनकी प्रोविजनल फायर एनओसी एक्सपायर हो गई है और उसके द्वारा टेम्पररी एनओसी नहीं ली गई है उन्हें बंद कराया जाएगा। उन्होंने ऐसे निजी अस्पतालों को नये मरीजों को भर्ती न करने के निर्देश दिये हैं। डॉ इलैयाराजा ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी सभी निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहीं है। निरीक्षण के दौरान बताई गई कमियों को निर्धारित वक्त में दूर नहीं किया गया तो उन हॉस्पिटल और संस्थाओं के पंजीयन रद्द कर दिए जाएंगे।
Jabalpur
Hospital
Fire:
मौतों
का
ढेर
लगाने
के
इस
अस्पताल
में
थे
पूरे
इंतजाम,
कागजों
पर
थी
सेफ्टी
!