भूखे हाथियों का तांडव, हाथी मस्त वन विभाग पस्त, दर्जन से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त
elephants जिस तरह हाथियों का उत्पात जारी हैं और हाथी अनाज के साथ आसपास के केले समेत अन्य पेड़ उखाड़ रहे हैं । उससे माना जा रहा है कि हाथी भूखे है । अपने आहार की तलाश में भटक रहे हाथी रहवासी क्षेत्रों में धावा बोल रहे हैं ।
डिंडौरी, 03 जून: मप्र के डिंडौरी में हाथियों का तांडव जारी हैं । पिछले एक पखवाड़े में रुसामाल, मडियारास, पड़रिया कला समेत करंजिया क्षेत्र में दर्जन भर से ज्यादा मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया हैं । हाथियों के आतंक से दहशत में जी रहे कई ग्रामीणों ने अब पलायन की तैयारी भी कर ली हैं । यहाँ सक्रिय तीन-चार हाथियों का झुण्ड उन घरों की दीवारें तोड़कर वहाँ रखा अनाज भी चट कर रहे है । ऐसे में हाथियों को पकड़ने दौड़ रहा वन-विभाग का अमला पस्त है और हाथी मस्त। (तस्वीर प्रतीकात्मक)
पिछले दिनों रुसामाल, मडियारास, पड़रिया कला गांवों में हाथियों ने कई घरों को नुकसान पहुँचाया था । उसके बाद हाथियों का झुण्ड कुछ वक्त के लिए जंगल की तरफ चला गया था । वन विभाग सोच रहा था कि ये हाथी अपने इलाके में वापिस लौट जाएंगे, लेकिन एक दिन बाद फिर रात को हाथियों ने जिले के करंजिया क्षेत्र की तरफ रुख किया । बमुश्किल चैन की नींद सो रहे ग्रामीणों में उस वक्त फिर हडकंप मच गया, जब गांव के दो घरों की दीवारें हाथियों ने ढहा दी । दोनों ही घरों में सो रहे लोगों ने तेज आवाज सुनी और अपनी जान बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे । शुक्रवार को भी हाथियों का झुण्ड करंजिया के पास एक इलाके में पहुंचा और वहाँ भी कुछ घरों को नुकसान पहुँचाने की खबर हैं ।
भूखे
है
हाथी,
अब
पेड़
भी
उखाड़
रहे
जिस
तरह
हाथियों
का
उत्पात
जारी
हैं
और
हाथी
अनाज
के
साथ
आसपास
के
केले
समेत
अन्य
पेड़
उखाड़
रहे
हैं
।
उससे
माना
जा
रहा
है
कि
हाथी
भूखे
है
।
अपने
आहार
की
तलाश
में
भटक
रहे
हाथी
रहवासी
क्षेत्रों
में
धावा
बोल
रहे
हैं
।
ग्राम
पंचायत
झनकी
के
पोषक
ग्राम
मनकी,
उमरिया
व
ऊपर
टोला
में
घरों
को
क्षतिग्रस्त
करने
के
साथ
केला
सहित
अन्य
पेड़ों
को
भी
हाथियों
द्वारा
उखाड़कर
नष्ट
कर
दिया
गया
है।
है।
वन
विभाग
का
अमला
भी
लगातार
ग्रामीणों
को
सतर्क
करने
के
साथ
हाथियों
के
झुंड
की
निगरानी
में
जुटा
हुआ
है।
वन
विभाग
की
चिंता
हाथी
कही
पागल
न
हो
जाए
एक
पखवाड़े
से
ज्यादा
वक्त
बीतने
के
बाद
तीन
चार
हाथियों
के
झुण्ड
का
जंगलों
की
तरफ
वापिस
न
लौटना
वन
विभाग
की
टेंशन
बढाता
जा
रहा
है।
ग्रामीणों
की
मांग
पर
वन
विभाग
का
अमला
इन
हाथियों
की
निगरानी
तो
कर
रहा
हैं,
लेकिन
अभी
तक
उन्हें
पकड़ने
जैसे
कोई
ठोस
कदम
उठाने
की
पहल
नहीं
की
गई।
वन
विभाग
का
कहना
है
कि
बलशाली
हाथियों
को
उनके
अपने
रास्तों
तक
पहुँचाने
के
प्रयास
किए
जा
रहे
हैं।
एक
हाथी
को
जंगलों
की
तरफ
भी
ले
जाया
गया
लेकिन
रात
के
बाद
वह
वापिस
गांव
की
तरफ
लौट
आया।
वन
विभाग
अन्य
दूसरे
तरह
के
संसाधनों
का
इसलिए
भी
प्रयोग
नहीं
कर
रहा
कि
कही
हाथियों
की
दिमागी
हालत
पर
विपरीत
प्रभाव
न
पड़
जाए।
यदि
एक
भी
हाथी
पागल
हुआ
तो
वह
इंसान
के
जानलेवा
साबित
हो
सकता
है।
ये
भी
पढ़े-डिंडौरी
जिले
में
हाथियों
से
मचा
हाहाकार,
दहशत
में
जीने
मजबूर
कई
लोगों
के
घर
तबाह