बालाघाट मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शव परिजनों को सुपुर्द, सर्चिंग में भारी मात्रा में मिला विस्फोटक
मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा से लगे बालाघाट जिले के कांदला खराड़ी के जंगल में पुलिस हॉक फ़ोर्स के जवानों की सर्चिंग जारी है। दो दिन पहले यहाँ चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत तीन नक्सलियों को मार गिराया गया था। b
बालाघाट, 22 जून: मप्र के बालाघाट जिले के कांदला खराड़ी के जंगल में पुलिस-नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के बाद पूरे एरिया में सर्चिंग जारी है। मुठभेड़ के बाद घटना स्थल और उसके आसपास अभी तक की गई सर्चिंग में भारी मात्र में विस्फोटक बरामद हुआ है। पुलिस और हॉक फ़ोर्स की टीम को मौके से नक्सलियों से जुड़ी सामग्री, कुकर बम भी मिला। आईईडी को डिफ्यूज भी कराया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मुठभेड़ में मारे गए तीनों नक्सलियों के शव उनके परिवार को सुपुर्द कर दिए गए।
जंगल में सर्चिंग, बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद
मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा से लगे बालाघाट जिले के कांदला खराड़ी के जंगल में पुलिस हॉक फ़ोर्स के जवानों की सर्चिंग जारी है। दो दिन पहले यहाँ चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत तीन नक्सलियों को मार गिराया गया था। उसके बाद लगातार घटना स्थल और उसके आसपास जंगली एरिया में छानबीन की गई। सर्चिंग ऑपरेशन में पुलिस को बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद मिला हैं। जिसे मारे गए नक्सलियों ने जमीन के अंदर भी छिपा कर रखा था। सर्च में कुकर बम और IED विस्फोटक भी मिला, जिसे बड़ी सावधानी से डिफ्यूज किया गया।
दूसरी बार हुआ पोस्टमार्टम, शव परिजनों को सुपुर्द
मुठभेड़ में मारे गए तीनों नक्सलियों का एक बार पोस्टमार्टम कराया गया था। उसके बाद फिर मंगलवार की दोपहर जिला अस्पताल में मृतक नक्सली रामे, नागेश और मनोज का पीएम हुआ। बालाघाट एसपी समीर सौरभ के मुताबिक मुठभेड़ में नक्सलियों के मारे जाने फिर शिनाख्तगी के बाद परिजनों को खबर कर दी गई थी। क़ानूनी प्रक्रिया और पोस्टमार्टम होने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिए गए है। मारे गए नक्सली जिन राज्यों के इलाके से ताल्लुक रखते थे, वहां की पुलिस को भी मुठभेड़ से संबंधित सभी जानकारी मुहैया करा दी गई है।
मुठभेड़ में शामिल रही करीब 35 जवानों की टीम
जंगल के इस इलाके से लंबे वक्त से नक्सलियों से जुड़े इनपुट पुलिस को मिल रहे थे। बीते रविवार-सोमवार की दरमियानी रात जब डेढ़ दर्जन से ज्यादा नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिली, तो पुलिस के आलाअफसरों ने योजना बनाकर जंगल में धावा बोला था। पुलिस हॉक फ़ोर्स के 35 जवानों को देख बाकी नक्सली भाग गए और रामे, नागेश, मनोज नाम के इनामी नक्सली पुलिस से घिर गए थे। इन तीनों ने बचने पुलिस पार्टी पर हमला भी किया लेकिन जबाबी कार्रवाई में ये भागने में सफल नहीं हो सके। नतीजतन पुलिस एनकाउंटर में तीनों मारे गए।
CRPF की 4 बटालियन की मांग
पिछले दिनों मध्यप्रदेश के कई इलाकों में नक्सली गतिविधियों की बढ़ती आहट के मद्देनजर ज्यादा फ़ोर्स की डिमांड की गई थी। बालाघाट, मंडला, डिंडोरी समेत अमरकंटक क्षेत्र में नक्सलियों के नए शेल्टर बनाने की ख़बरें भी आ रही थी। जिसके बाद गृहमंत्रालय को CRPF की 4 अतिरिक्त बटालियन की मांग के लिए पत्र लिखा गया था। हाल ही में सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब दिल्ली पहुंचे थे, उन्होंने भी केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करते हुए उक्त मांग को दोहराया था। हालाँकि प्रदेश सरकार नक्सलवाद को लेकर पूरी तरह अलर्ट मोड पर है, मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कह चुके है कि सूबे में नक्सलियों के मंसूबों को कामयाब होने नहीं दिया जाएगा।
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