मप्र में ठंडी चाय के बाद अब कॉफ़ी पर सियासी उबाल, रतलाम में वित्त मंत्री को घेरा कांग्रेसियों ने, लगाए आरोप
मप्र के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा को रतलाम में कांग्रेसियों ने उस वक्त घेरा, जब वह स्टेशन रोड पर नीलम गेस्ट हॉउस से बाहर निकल रहे थे। नारेबाजी प्रदर्शन करते हुए कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि देवड़ा जिले के प्रभारी मंत्री भी
रतलाम, 12 जुलाई: मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के एक दिन पहले चाय-कॉफ़ी को लेकर सियासी उबाल आ गया। खजुराहो एयरपोर्ट पर सीएम को ठंडी चाय परोसने का मामला किसी तरह ठंडा हुआ, कि शाम होते रतलाम में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा को एक गेस्ट हॉउस से निकलते वक्त कांग्रेसियों ने घेर लिया। कांग्रेस का आरोप है कि प्रभारी मंत्री वोटिंग के पहले पैसे बांटने के इरादे से शहर आए। वही वित्त मंत्री का एक वायरल वीडियो में सफाई दे रहे है कि वे कॉफ़ी पीने गेस्ट हाउस में रुके थे।
मंगलवार की शाम को मप्र के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा को रतलाम में कांग्रेसियों ने उस वक्त घेरा, जब वह स्टेशन रोड पर नीलम गेस्ट हॉउस से बाहर निकल रहे थे। नारेबाजी प्रदर्शन करते हुए कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि देवड़ा जिले के प्रभारी मंत्री भी है और बीजेपी के दूसरे शहरों के कई विधायकों ने वोटिंग के एक दिन पहले रतलाम में डेरा डाला है। जो मतदाताओं को धनबल के सहारे प्रभावित करना चाहते है। हंगामा मचा रहे कांग्रेसियों ने इस कृत्य को आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया। हंगामे के बाद इस मामले की जिला निर्वाचन अधिकारी को भी शिकायत की गई। जिसमें मतदाताओं को पैसे बांटने के आरोप लगाए गए है।
हम
तो
यहाँ
कॉफ़ी
पीने
आए
थे
वोटिंग
के
ठीक
एक
दिन
पहले
रतलाम
में
दूसरे
दूसरे
शहरों
के
भाजपा
नेताओं
की
जमघट
को
कांग्रेस
ने
अब
तूल
दे
दिया
है।
जब
कांग्रेसियों
ने
देवड़ा
पर
आरोपों
की
बौछार
की
तो
उन्होंने
सफाई
दी
कि
वह
गेस्ट
हाउस
में
कॉफ़ी
पीने
आए
थे।
इसके
बाद
भी
कांग्रेसी
अपने
आरोपों
पर
अड़े
रहे
और
भीड़
बढती
गई।
बबाल
और
गहराता
इससे
पहले
ही
मंत्रीजी
ने
वहां
से
निकालने
में
भलाई
समझी।
वह
अपनी
गाड़ी
में
सवार
हुए
और
आगे
निकल
गए।
दोपहर
को
सीएम
को
पिलाई
थी
ठंडी
चाय
ट्रांजिट
विजिट
पर
खजुराहों
एयरपोर्ट
पर
कुछ
देर
के
लिए
ठहरे
मुख्यमंत्री
शिवराज
सिंह
चौहान
को
ठंडी
चाय
परोसने
का
मामला
सामने
आया
था।
जिसके
बाद
कनिष्ठ
आपूर्ति
अधिकारी
राकेश
कंहुआ
को
एक
कारण
बताओ
नोटिस
जारी
किया
गया।
कंहुआ
पर
आरोप
था
कि
उन्होंने
माननीय
के
लिए
प्रोटोकॉल
का
अनुपालन
नहीं
किया।
बाद
में
जब
ठंडी
चाय
को
लेकर
सियासत
गरमाई
तो
भोपाल
के
आदेश
पर
कार्रवाई
के
नोटिस
को
निरस्त
कर
दिया
गया।
ये
भी
पढ़े-कंधों
पर
बेबसी
देख,
घुटनों
पर
आया
हाकिम,
यही
है
असली
ब्यूरोक्रेसी
जानिए
पूरा
मामला